सौरव गांगुली से बेहतर कप्तान थे राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर के बराबर छोड़ा प्रभाव: गौतम गंभीर
नई दिल्ली
टीम इंडिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज और मौजूदा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद गौतम गंभीर का मानना है कि पूर्व क्रिकेटर और कप्तान राहुल द्रविड़ की लीडरशिप को उतना श्रेय नहीं मिला, जितने के वो हकदार थे। गंभीर ने अपना वनडे इंटरनैशनल डेब्यू सौरव गांगुली की कप्तानी में, जबकि टेस्ट डेब्यू राहुल द्रविड़ की कप्तानी में किया था।
गंभीर ने स्टार स्पोर्ट्स के 'क्रिकेट कनेक्टेड' शो में कहा, 'मैंने अपना वनडे डेब्यू सौरव गांगुली की कप्तानी में और टेस्ट डेब्यू द्रविड़ की कप्तानी में किया था। ये काफी दुभार्ग्यपूर्ण है कि हम उन्हें कप्तानी के लिए ज्यादा श्रेय नहीं देते हैं। हम सिर्फ सौरव गांगुली और महेंद्र सिंह धोनी की बात करते हैं और अब विराट कोहली की बात होती है। हालांकि राहुल द्रविड़ भी टीम इंडिया के लिए एक शानदार कप्तान थे।' उन्होंने कहा, 'उनके आंकड़ों से पता चलता है कि वो कितने अंडररेटेड खिलाड़ी और कितने अंडररेटेड कप्तान थे। उनकी कप्तानी में हमने इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में जीत हासिल की और 14 या 15 मैचों में लगातार जीत हासिल की।'
'जो कहा गया द्रविड़ ने वो किया'
गंभीर ने कहा, 'एक क्रिकेटर के तौर पर देखें तो आपने उनसे टेस्ट क्रिकेट में ओपन करने के लिए कहा, उन्होंने किया। आपने उनसे तीन नंबर पर बल्लेबाजी करने को कहा तो उन्होंने किया। आपने उनसे विकेटकीपिंग करने के लिए कहा, उन्होंने किया। आपने उनसे फिनिशर के रूप में खेलने को कहा, उन्होंने वो भी किया। उन्होंने हर वो चीज की जो उनसे कही गई, इसलिए वो एक परफेक्ट रोल मॉडल हैं। मेरे हिसाब से उनका प्रभाव काफी ज्यादा था।'
'द्रविड़ का प्रभाव ज्यादा बड़ा'
पूर्व सलामी बल्लेबाज ने साथ ही कहा, 'सौरव गांगुली फ्लैमब्वॉयंट थे, इसलिए वनडे क्रिकेट में उनका प्रभाव ज्यादा था, लेकिन अगर ओवरऑल देखें तो द्रविड़ का प्रभाव ज्यादा बड़ा था। आप उनके प्रभाव की तुलना सचिन तेंदुलकर जैसे खिलाड़ी से कर सकते हैं। उन्होंने पूरा जीवन सचिन की छाया में खेला लेकिन प्रभाव के मामले में वो उनके बराबर थे।'