सूबे के गांव-गांव में पानी पिलाने वाले कर्मचारी चार माह से दाने-दाने को मोहताज, मंत्री पान्से को सौंपा ज्ञापन
भोपाल
सूबे के गांव-गांव तक नल जल पहुंचाने वाले पीएचई विभाग के करीब 500 संविदा कर्मचारियों आज दाने-दाने को मोहताज बने हुए हैं। उन्हें चार माह से वेतन ही नहीं मिला है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति बुरी तरह चरमरा गई है। उन्हें अपना जीवन यापन और घर परिवार का भरण पोषण करने के लिए अपने मित्रों, रिश्तेदारों, बाजार से ब्याज पर कर्ज लेकर करना पड़ रहा है।
विभाग के संविदा कर्मचारी व अधिकारी विगत 6 से 7 वर्षों से राज्य जल मिशन में काम कर रहे थे। भरी दोपहरी में सरकार की महत्वपूर्ण नल -जल योजना को ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर पहुंचाने वाले उक्त संविदा कर्मचारियों को चार माह से वेतन ही नहीं मिला है। यहां तक चार माह से उनकी संविदा की कार्यअविध में कोई बढोतरी भी नहीं की गई है। उक्त कर्मचारियों की संविदा अवधि बढ़ाने के फाइल को शासन को पास भेज दिया गया है। शासन में फाइल एक टेबिल से दूसरी टेबिल पर घुम रही है। इसमें हो रही लेटलतीफी से कर्मचारियों में रोष व्याप्त है। फाइल में जल सहायता संगठन में ब्लाक कार्डिनेटर, जिला समन्वयक, लेखापाल , जिला सलाहकार , राज्य सलाहकार आदि पदों पर 500 से अधिक संविदा कर्मचारी व अधिकारी का भविष्य दर्ज है।
मांगों संबंधी मंत्री पांसे को सौंपा ज्ञापन
संविदा कर्मचारियों को वेतन भुगतान कराने और संविदा बढ़ाने के लिये मप्र संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर ने मप्र सरकार के पीएचई मंत्री सुखदेव पान्से को ज्ञापन सौंपकर संविदा कर्मचारियों को चार माह का वेतन देने, संविदा कार्य अवधि बढ़ाने, सामान्य प्रशासन विभाग की संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिये बनाई गई नीति अनुसार नियमित करने और सातवां वेतन देने संबंधी ज्ञापन सौंपा है। मंद्धी पांसे ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वे संबंध में जल्द ही कोई उचित निर्णय लेंगे, जिससे सभी को राहत मिलेगी।