सुशांत इतने मेहनती थे कि वह 15-20 दिन तक घर नहीं जाते थे: पराग त्यागी
टीवी शो 'पवित्र रिश्ता' में सुशांत सिंह राजपूत के साथ काम कर चुके ऐक्टर पराग त्यागी का बुरा हाल है। उनका सबसे अच्छा को-स्टार और दोस्त इस दुनिया से चला गया, लेकिन उन्हें विश्वास नहीं होता। सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून को बांद्रा स्थित घर पर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली और सभी रोता-बिलखता छोड़ गए। बताया जा रहा है सुशांत लंबे वक्त से डिप्रेशन से जूझ रहे थे और उनका इलाज भी चल रहा था।
पराग त्यागी सुशांत को एक मजबूत और हमेशा ही दूसरों का हौसला बढ़ाने वाले इंसान के तौर पर जानते हैं। उन्हें विश्वास नहीं होता कि सुशांत आत्महत्या जैसा कदम उठा सकता है। पराग त्यागी ने सुशांत को लेकर 'पवित्र रिश्ता' के दिनों के किस्से साझा किए।
पराग त्यागी ने कहा, 'यकीन कर पाना मुश्किल है कि सुशांत अब नहीं हैं। वह बहुत ही खूबसूरत व्यक्तित्व वाले इंसान थे। बहुत ही खुश..तो फिर वह ऐसा कैसे कर सकते हैं? हम एक-दूसरे से पार्टियों या फिर ऐसे ही मिलते रहते थे। वह ठीक थे। कुछ भी गलत नहीं लगा। सुशांत जब भी मिले एकदम ऐक्टिव और एनर्जी से भरपूर। मुझे उनसे मिलकर हमेशा ही अच्छा लगता था। हम 'पवित्र रिश्ता' के दिनों की यादें शेयर करते थे। सुशांत बहुत ही मेहनती और जोशीले थे। मैं तो कहूंगा कि मैंने उनसे काफी कुछ सीखा है।'
'15-20 दिन घर नहीं जाते थे, सेट पर ही सोते थे'
'जब हम 'पवित्र रिश्ता' में काम कर रहे थे तो वह 15-20 दिनों तक घर नहीं जाते थे। सेट पर ही सोते थे। कभी-कभी मैं भी साथ में रुक जाता था और फिर सुबह हम साथ में नाश्ता करते थे। शो के लीड ऐक्टर होने के नाते वह हम सबसे ज्यादा घंटों तक शूटिंग करते थे, लेकिन कभी शिकायत नहीं की। ब्रेक के दौरान सुशांत सेट पर ही 2-3 घंटे के लिए सो जाते थे। वह सभी से कहते थे कि यह मेरा टाइम है यार, मैं ऑफ नहीं ले सकता। वह काम को लेकर एकदम समर्पित थे।'
पराग त्यागी ने कहा कि जब 'पवित्र रिश्ता' के सेट पर लोग सुशांत से कहते कि बहुत मेहनत कर रहे हो, आराम करो थोड़ा तो वह कहते- अभी मेरा टाइम कड़ी मेहनत करने का है। आराम करने के लिए पूरी जिंदगी पड़ी है। यह मेरा चांस है और मैं हिम्मत नहीं हारूंगा। लोग उनसे कहते थे कि शो हिट है तो आराम करो, लेकिन वह मानते नहीं थे। सुशांत हर किरदार पर बहुत मेहनत करते थे। इसीलिए उन्हें इतना स्टारडम मिला। समानांतर रोल के बाद बॉलिवुड में एंट्री और फिर सोलो लीड। उन्होंने जो मुकाम पाया, वाकई तारीफ के काबिल है।'