सुप्रीम कोर्ट ने अभिषेक सिंह के खिलाफ कार्रवाई पर लगाई राेक

बिलासपुर
पूर्व सांसद अभिषेक सिंह को सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत मिली है। चिटफंड मामले में हाईकोर्ट के आदेश को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की बेंच ने अगले आदेश तक अिभषेक के खिलाफ किसी तरह की विपरीत कार्रवाई (नो कोरसिव स्टेप) पर रोक लगा दी है।

चिटफंड कंपनी अनमोल इंडिया प्रदेश के हजारों निवेशकों के करोड़ों रुपए लेकर भाग गई है। पीड़ितों का आरोप है कि अभिषेक सिंह और मेयर मधुसूदन यादव कंपनी के कई कार्यक्रमों में स्टार प्रचारक के रूप में शामिल हुए थे। इनसे प्रभावित होकर ही लोगों ने कंपनी में निवेश किए थे। अंबिकापुर के लुंड्रा थाना क्षेत्र के सुमेरपुर गांव में रहने वाले प्रेम सागर गुप्ता ने 98 हजार 876 रुपए निवेश किए थे।  

उनके परिवाद पर अंबिकापुर की स्पेशल कोर्ट ने 30 मई 2019 को चिटफंड एक्ट, आईपीसी और मनी लॉड्रिंग एक्ट की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर विवेचना के निर्देश लुंड्रा थाना के प्रभारी को दिए थे, इस पर रोक लगाने की मांग करते हुए अभिषेक सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई है।

साथ ही आदेश पर रोक की मांग करते हुए अंतरिम आवेदन प्रस्तुत किया था। अंतरिम आवेदनों पर दिए गए फैसले में हाईकोर्ट ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट 2002 की धारा 3 व 4 को छोड़कर बाकी धाराओं के तहत दर्ज एफआईआर पर स्टे देने से इनकार कर दिया था। अभिषेक सिंह ने इस आदेश को सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और एडवोकेट विवेक शर्मा के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए फिलहाल अभिषेक सिंह के खिलाफ किसी तरह की विपरीत कार्रवाई पर रोक लगा दी है। साथ ही राज्य शासन सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

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