सीधी-साधी गाय ने नये मालिक को दौड़ा-दौड़ा कर मारा, मामला पहुंचा उपभोक्ता फोरम
बिलासपुर
ग्राहकों को ठगने और पैसे ऐंठेने का कारोबार करने वालों पर शिकंजा कसने कंज्यूमर कोर्ट बना है, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग कोर्ट का नाम सुनते ही दुकानदारों की मनमानी को झेलने पर मजबूर होते हैं. जबकि कंज्यूमर कोर्ट में ऐसे कई जागरूक ग्राहकों ने अपने हक की लड़ाई लड़कर दुकानदारों को सबक भी सिखाया है. समय-समय में केंद्र और राज्य सरकार के द्वारा जागो ग्राहक जागो के विज्ञापन के माध्यम से भी लोगो को जागरूक करने की कोशिश की जाती है, पर लोगों में अभी भी जागरुकता का अभाव देखने को मिलता है.
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के कंज्यूमर कोर्ट में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिसमें ग्राहकों की फरियाद को सुनकर कंज्यूमर कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला देते हुए दुकानदार, बड़े फर्म्स, बीमा कंपनी और डॉक्टरों के हॉस्पिटल तक को भारी-भरकम जुर्माना ठोका है. जिला उपभोक्ता फोरम के सदस्य प्रमोद वर्मा का कहना है कि यदि ग्राहक थोड़े जागरूक हो जाएं तो उनके साथ धोखा नहीं हो सकता.
प्रमोद वर्मा ने बताया कि बिलासपुर के कंज्यूमर कोर्ट में एक ऐसा ही अनोखा केस ग्राहक द्वारा दायर किया गया था. जिसमें कहा गया था कि उसने एक गाय खरीदी. गाय के मालिक ने बेचते वक्त बताया था कि गाय बहुत सीधी साधी है, पर घर पंहुचते ही गाय ने नये मालिक को दौड़ा दौड़ाकर मारना शुरू कर दिया. ग्राहक के पास गाय खरीदी के पूरा दस्तावेज थे. उसने कंज्यूमर कोर्ट में मामला पेश किया, जिसमें सुनवाई के बाद कोर्ट ने याचिकाकर्ता को गाय के पूरी कीमत को लौटाने का आदेश दिया था.
शर्मा के मुताबिक ऐसा ही एक दूसरा केस है गांव के रहने वाले किसान का है, जिसने ऑनलाइन कुकर खरीदी की थी. पर कुकर की जगह गए उसके टुकड़े भेज दिए गए. उसने भी उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया, जहां से फोरम ने याचिकाकर्ता को ब्याज सहित कुकर का और वाद खर्ज देने का आदेश दिया था.
प्रमोद वर्मा बताते हैं कि कंज्यूमर फोरम के अनुसार जब भी कोई दुकानदार ग्राहकों के साथ मनमानी करता है, तब ग्राहक 2 साल के भीतर कभी भी यहां आ सकते हैं. शिकायत करने के लिए सादे कागज पर अपनी शिकायतों को लिखकर फोरम में पेश किया जा सकता है, जिसके लिए 5 लाख रुपये तक के जुर्माना के लिए वाद शुल्क निःशुल्क है. उसके ऊपर के लिए भी बहुत ही कम शुल्क लिया जाता है. जरूरत है ग्राहकों को जागरूक होने की.