तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर शहर के ऐतिहासिक स्प्रे और दानी स्कूल मैदानों की बर्बादी रोकने मुख्यमंत्री से मिला प्रतिनिधिमंडल

रायपुर
 बूढ़ा तालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर शहर के ऐतिहासिक स्प्रे दानी स्कूल मैदानों को काटकर छोटा करने और उसके अस्तित्व पर हमले के खिलाफ नागरिकों के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की और उनसे हस्तक्षेप कर इसे रोकने की मांग की.

डॉक्टर अजित डेग्वेकर, धर्मराज महापात्र, चंद्रशेखर गायकवाड़, विश्वजीत मित्रा, निश्चय वाजपेई, राजू कदम, दीपक शर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर कहा कि ये दोनों मैदान और बूढ़ातालाब पुराने रायपुर शहर के साथ भावनात्मक रिश्ता है. यह स्थल एक ऐतिहासिक महत्व रखता है. जिससे कोई छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए. प्रतिनिधिमंडल ने यह भी कहा अभी तक कोई भी योजना सार्वजनिक नहीं की गई है कि आखिर इस स्थान में क्या बनना चाहते है. इसे सार्वजनिक कर जनता की राय लिए बिना कोई भी निर्माण अनेक संशय को जन्म देता है.

प्रतिनिधिमंडल ने उनसे यह भी कहा कि पिछले भाजपा सरकार के कार्यकाल में इसके व्यावसायिक उपयोग के प्रयास का नागरिक विरोध हुआ तब कांग्रेस भी इस आंदोलन का हिस्सा थी, अब सरकार बदलने के बाद वहीं कदम कांग्रेस क्यों उठा रही है, जबकि दो साल पहले ही दो करोड़ रुपए खर्च कर मैदान विकसित किया गया था. उस समय भी सड़क निर्माण के लिए दोनों मैदानों की जगह ली गई थी, अब पुनः यह हमला अनुचित है. “विगत कई वर्षों से हम देख रहे हैं कि सरकार/नगर निगम , बूढ़ा तालाब को लेकर यह जताने की कोशिश करते हैं कि उनका पर्यावरण और जल संरक्षण की दिशा मे काम करने की इच्छा है। परंतु वास्तविकता मे सरकार इसके व्यवसायीकरण के प्रयासों मे ही लगी रहती है.

पहले तालाब के बीच में पेठू को जोड़कर सड़क बनाने का प्रयास, फिर पर्यटन विभाग द्वारा एक कंपनी को तालाब देकर चौपाटी बनाने की योजना के नाम पर ऐतिहासिक सप्रे स्कूल मैदान को छोटा करने का प्रयास करना आपको याद ही होगा, और आप सबके सहयोग से ही इन योजनाओं के विरोध कर रोक लगाने मे हम सब सफल हुए थे. करीब 150-200 साल के इतिहास वाले सप्रे स्कूल,दानी गर्ल्स स्कूल और उनका मैदान कई ऐतिहासिक संस्मरणों,घटनाओं को अपने मे समेटे हुए है।पूर्व लाॅरी स्कूल जो अब सप्रे स्कूल कहलाता है ,जो शहर के सबसे पुराने स्कूलों मे से एक है,,इसने इस शहर व प्रदेश को कई नामचीन हस्तियां दी.

सप्रे स्कूल मैदान 1857 के प्रथम स्वतंत्रता आंदोलन की बैठकों से लेकर नेहरूजी,इंदिरागांधी, अटल बिहारी बाजपेयी,विजय लक्ष्मी पंडित,बाबू जगजीवनराम, वी पी सिंह, सोनिया-राहुल गांधी,शरद पवार जैसी कई बड़ी हस्तियों की महती सभाओं का गवाह रहा है। इसी मैदान ने हमे अपना छत्तीसगढ़ राज्य दिया।इसके बावजूद दोनो प्रमुख पार्टियां ,अपने वरिष्ठ नेताओं की विरासत को संभालने की बजाय मैदान पर प्रहार,और छेड़छाड़ करते आई है,जो शर्मनाक और निंदनीय है.

वर्तमान “बूढ़ातालाब सौंदर्यीकरण योजना” में फिर से सप्रे स्कूल व दानी गर्ल्स स्कूल मैदानों की काफी जमीन गैरकानूनी तरीके से अधिग्रहित कर मैदानों को छोटा किया जा रहा है,कई वृक्षों को काटा गया, कई स्कूल कमरो को ध्वस्त किया गया जा रहा है।।केवल व्यवसायिक उपयोग की मंशा लेकर ऐसी योजना बनाने का हम शहर के नागरिक विरोध कर रहे है, हम कुछ लोग कर रहे हैं , आपकी संस्था और सदस्य इस की आवाज बने इसी आशा के साथ यह पत्र आपको प्रेषित किया जा रहा है की आपका समर्थन और सहयोग हमे मिलता रहा है और आज भी मिलेगा.

मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल की सभी बातों को ध्यानपूर्वक सुना और प्रतिनिधिमंडल के पूरी योजना को सार्वजनिक कर जनता की राय के आधार पर निर्णय से सहमति जाहिर करते हुए कहा कि मैं इस बात से सहमत हूं कि जो भी हो समन्वय से होना चाहिए.

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