सीतारमण बोलीं- सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का पहला पैराग्राफ भी राहुल गांधी ने नहीं पढ़ा

नई दिल्ली

राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर में प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर इस मामले पर अपनी राय रखी है. निर्मला सीतारमण ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, 'हम सब अच्छी तरह से जानते हैं कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक जजमेंट का एक पैराग्राफ भी नहीं पढ़ा होगा. लेकिन, राहुल का यह कहना कि कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है और कोर्ट ने भी कहा है कि चौकीदार चोर है, यह न्यायालय की अवमानना की श्रेणी में आता है.'

निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा कि जो व्यक्ति खुद बेल पर है और राजनीतिक मर्यादा के हर सिद्धांत को तोड़ता है वह ऐसे आरोप लगा रहा है जिसके बारे में कोर्ट ने कुछ कहा ही नहीं.

निर्मला सीतारमण ने कहा,  'दिसंबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में राफेल डील की प्रक्रिया में गड़बड़ी से इनकार किया था. अदालत ने उस वक्त डील को चुनौती देने वाली याचिकाएं खारिज कर दी थीं. सुप्रीम कोर्ट के इस ऑर्डर में राफेल विमानों की कीमत, उनके खरीदे जाने की प्रक्रिया का भी जिक्र था. लेकिन उस आदेश के बाद कुछ पूर्व केंद्रीय मंत्रियों और वकीलों ने कुछ दस्तावेजों के आधार पर इस फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिकाएं दायर कीं. इसके बाद कुछ गलत तरीके से हासिल किए दस्तावेज जिन्हें आंशिक तौर पर कुछ अखबार और मैगजीन में प्रकाशित किया गया. इन दस्तावेजों को आधार बनाकर याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने साक्ष्य माना है. सुप्रीम कोर्ट इसे साक्ष्य मानकर दिसंबर 2018 में दिए गए अपने फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है.  पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई अभी भविष्य में होगी. अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी तो गलत तरीके से हासिल किए गए दस्तावेजों को भी सुनवाई के दौरान देखा जाएगा. कोर्ट में बस यही है.  लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणी आपत्तिजनक है.'

गौरतलब है कि राफेल डील मामले में केंद्र सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि राफेल डील में गोपनीय दस्तावेजों की गलत तरीके से ली गई फोटोकापी के आधार पर पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई होगी.

इसके उलट मोदी सरकार ने यह कहकर पुनर्विचार याचिका का विरोध किया था कि जिन दस्तावेजों को याचिका का आधार बनाया जा रहा है, वे भारतीय साक्ष्य अधिनियम की धारा 123 के तहत सबूत नहीं माने जा सकते. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की इस आपत्ति पर अपना फैसला 14 मार्च को सुरक्षित रख लिया था, लेकिन 10 अप्रैल को कोर्ट ने कहा कि इन दस्तावेजों को सुनवाई में शामिल कर सकते हैं.

दरअसल अमेठी में नामांकन करने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला. उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अब मान लिया है कि राफेल डील में घोटाला हुआ था, वह प्रधानमंत्री को भ्रष्टाचार पर बहस करने की चुनौती देते हैं. राहुल गांधी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी मान लिया है कि चौकीदार ने चोरी की है.

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