सीएम हेल्पलाइन से भी राहत नहीं, राजस्व विभाग ने जताई नाराजगी

भोपाल
राजस्व मामलों के निराकरण में स्थानीय अमले की अनदेखी से परेशान लोगों को सीएम हेल्पलाइन भी राहत नहीं दे पा रही है। इसके लिए शासन द्वारा तय की जाने वाली टाइम लिमिट भी नो टाइम नो लिमिट के जैसी हो गई है जिस पर राजस्व विभाग ने नाराजगी जताते हुए 19 कलेक्टरों को कहा है कि इसे गंभीरता से लें। कलेक्टरों की इस लापरवाही का असर प्रदेश में सीएम हेल्पलाइन की विभागवार होने वाली मासिक ग्रेडिंग पर भी असर पड़ा है। कलेक्टरों के काम में कसावट लाने के लिए रीवा, जबलपुर, सागर, ग्वालियर, चंबल, भोपाल, शहडोल, उज्जैन एवं नर्मदापुरम संभाग के कमिश्नरों को भी निर्देश दिए गए हैं।

कलेक्टरों को भेजी चिट्ठी में राजस्व विभाग ने कहा है कि सभी शिकायतों का निराकरण समय पर करके शासन को रिपोर्ट भेजें और यह ध्यान रखें कि जो शिकायतें हुई हैं, उसका निराकरण संतुष्टिपूर्ण कराया जाए। राजस्व विभाग ने जिन जिलों के कलेक्टरों को परफार्मेंस सुधारने और टाइम लिमिट पर ध्यान देने के लिए चेताया है, उनमें सतना, सागर, शिवपुरी, नरसिंहपुर, भिंड, रीवा, टीकमगढ़, विदिशा, सीहोर, गुना, पन्ना, दतिया शामिल हैं। इनके अलावा मुरैना, उमरिया, ग्वालियर, देवास, छिंदवाड़ा, छतरपुर और बैतूल कलेक्टरों के यहां भी टाइम लिमिट में शिकायत निराकरण नहीं होने का मामला सामने आया है।

टाइम लिमिट क्रास कर चुके प्रकरणों की संख्या 1501 बताई गई है। 20 जुलाई तक के स्टेटस के आधार पर जिलों को भेजी गई रिपोर्ट में सबसे अधिक 119 सतना और 102 नरसिंहपुर जिले की है। इसके अलावा सागर व शिवपुरी में 92-92, भिंड में 83, रीवा में 67, टीकमगढ़ में 64, विदिशा में 60, सीहोर में 57, गुना में 45, पन्ना में 42, दतिया में 41, उमरिया में 40, मुरैना में 38, ग्वालियर और देवास जिलों में 38-38 शिकायतों का समय पर निराकरण नहीं हुआ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *