सिद्धार्थ के सूइसाइड की बड़ी वजह! पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज पर ₹5,500 करोड़ का कर्ज

  मुंबई 
कैफे कॉफी डे के फाउंडर वी जी सिद्धार्थ की पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज पर चढ़े 5,500 करोड़ रुपये के कर्ज के जंजाल से साउथ इंडियन कैफे ग्रुप पर दबाव बढ़ गया है। ईटी को इसका अंदाजा कुछ डॉक्युमेंट्स के विश्लेषण से हुआ है। कॉफी किंग सिद्धार्थ ने जिन कंपनियों के जरिए लोन लिया था, उनमें मुख्य रूप से टैंगलिन रिटेल रियल्टी डिवेलपर्स, देवदर्शिनी इंफो टेक्नॉलजीज और कॉफी डे ग्लोबल शामिल हैं। ईटी को यह जानकारी कंपनी मामलों के मंत्रालय के पास जमा डेटा से मिली है।
 
टैंगलिन रिटेल रियल्टी डिवेलपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड और देवदर्शिनी इंफो टेक्नॉलजीज पर स्टैंडर्ड चार्टर्ड का 3,471 करोड़ रुपये का कर्ज है। टैंगलिन सिद्धार्थ की रियल एस्टेट कंपनी है, जिसके पास मैसूर रोड में एक आईटी पार्क है। टैंगलिन ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक (सिंगापुर) को 25 मार्च 2019 को इंडियन करेंसी में जारी 10-10 लाख रुपये अंकित मूल्य के 30,000 सिक्यॉर नॉन कन्वर्टिबल डिबेंचर (NCD) अलॉट किए थे। 

…तो सिद्धार्थ को छोड़ना पड़ जाता पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज का कंट्रोल 
हालांकि स्टैंडर्ड चार्टर्ड के एक करीबी सूत्र ने बताया कि इसके लिए टैंगलिन के बोर्ड की तरफ से रिजॉल्यूशन पास किया गया था और बैंक का ग्रुप में उतना एक्सपोजर नहीं था। देवदर्शिनी इंफो टेक्नॉलजीज की तरफ से कॉर्पोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री के पास जमा कराए गए डॉक्युमेंट्स से पता चला है कि 31 मार्च 2018 के आंकड़ों के हिसाब से उसने स्टैंडर्ड चार्टर्ड प्राइवेट इक्विटी (मॉरीशस), क्रेडिट ऑपर्च्युनिटीज फंड और एशिया क्रेडिट ऑपर्च्युनिटीज (मॉरीशस) को लगभग 471 करोड़ रुपये के ऑप्शनली कन्वर्टिबल डिबेंचर जारी किए थे। 
 
सूत्रों ने यह भी बताया कि देवदर्शिनी ने इस साल की शुरुआत में स्टैंडर्ड चार्टर्ड से कुछ ऑप्शनली कन्वर्टिबल डिबेंचर्स बायबैक करने के लिए एसएसजी कैपिटल एशिया से लगभग 300 करोड़ रुपये का फंड जुटाया था। दरअसल, फंडिंग के लिए बनाए गए स्ट्रक्चर्ड इंस्ट्रूमेंट्स में दिए गए ऑप्शन के मुताबिक उन्हें कंपनी के शेयरों में बदला जा सकता था। ऐसा होने पर सिद्धार्थ को पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज का कंट्रोल छोड़ना पड़ जाता। 

हो गया था कर्ज का निपटारा? सवाल अब भी बरकरार 
ईटी ने मंगलवार को खबर छापी थी कि अमेरिकी प्राइवेट इक्विटी फर्म केकेआर ऐंड कंपनी का सिद्धार्थ की पर्सनल होल्डिंग एंटिटीज में 225 करोड़ रुपये का एक्सपोजर है। इन सबके बारे में संपर्क किए जाने पर स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने कॉमेंट करने से मना कर दिया। SSG कैपिटल के पार्टनर श्याम माहेश्वरी को भेजे गई ईमेल का जवाब खबर लिखे जाने तक नहीं मिल पाया था। 
 

सिद्धार्थ की जिन एंटिटीज को कर्ज दिया गया था, उसमें गोनीबीडू का 450 करोड़ रुपये, कॉफी डे ग्लोबल का 883 करोड़ और टैंगलिन रिटेल का 798 करोड़ रुपये का कर्ज शामिल है। ईटी यह पता नहीं लगा पाया है कि क्या कर्जों का निपटारा किया जा चुका है? फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि क्या सिद्धार्थ के सोमवार को केरल-कर्नाटक के बॉर्डर से गुजर रही नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी करने की वजहों में एक उनके ऊपर चढ़ा भारी-भरकम कर्ज था। 
 

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