बिजली विभाग का पुलिस से बदला: लाइनमैन का चालान काटा तो कर दी थाने की बत्ती गुल

 फिरोजाबाद

यूपी के फिरोजाबाद में पुलिस को लाइनमैन का चालान काटना भारी पड़ गया. चालान कटने से नाराज लाइनमैन ने थाने की बिजली काट दी. दरअसल लाइनमैन बिजली का तार जोड़ने जा रहा था, लेकिन उसने हेलमेट नहीं पहना था. पुलिस ने चेकिंग के दौरान लाइनमैन श्रीनिवास की गाड़ी रोकी और 500 रुपए का चालान काट दिया. बस फिर क्या था नाराज लाइनमैन ने इसकी सूचना वरिष्ठ अधिकारियों को दी. बिजली बिल बकाया होने पर थाने की बिजली काट दी.

लाइनमैन की माने तो उसने पुलिस से मिन्नतें की और बताया कि वह विद्युत विभाग का कर्मचारी है. वह फॉल्ट जोड़ने जा रहा है लेकिन दरोगा ने उसकी एक बात नहीं मानी. श्रीनिवास ने बताया कि उसने दरोगा से अपने अधिकारियों की बात भी कराई थी, लेकिन फिर भी पुलिस टस से मस नहीं हुई. दरोगा ने इस बीच विद्युत विभाग के JE और SDO को भी यातायात के नियमों का पाठ पढ़ा दिया.

चालान कटने की बात से गुस्साए लाइनमैन ने विद्युत विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारे में सूचना दी. इससे नाराज होकर विद्युत विभाग में थाना लाइनपार के खाते की स्क्रूटनी कर डाली. पता चला कि थाना लाइनपार पर 6,62,463 रुपए का बिजली बिल बकाया है.

साल 2016 से विद्युत विभाग को थाना अध्यक्ष ने भुगतान नहीं किया है. बस फिर क्या था विद्युत विभाग के लोग सक्रिय हो गए और थाने की लाइन काट दी. 5 घंटे तक बिजली नहीं रहने के बाद जैसे ही पुलिस के उच्चाधिकारियों तक यह बात पहुंची तो मामला पहले रफा-दफा करने का प्रयास किया गया, लेकिन फिर इस आश्वासन पर लाइन जोड़ी कि 1 हफ्ते में विद्युत विभाग को भुगतान किया जाएगा.

श्रीनिवास ने कहा कि मैं फॉल्ट ठीक करने जा रहा था. तभी एक दरोगा चेकिंग पर आए और उन्होंने मेरी मोटरसाइकिल रोक ली. मेरे पास हेलमेट था, लेकिन मैंने हेलमेट लगाया नहीं था. मैंने दरोगा जी से मिन्नत की कि मैं बिजली विभाग का कर्मचारी हूं और फॉल्ट ठीक करने जा रहा हूं, लेकिन दरोगा जी ने मेरी नहीं सुनी और मेरा 500 रुपए का चालान काट दिया.

लाइनमैन श्रीनिवास ने बताया कि मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारी से भी उनकी बात कराई, लेकिन दरोगा जी नहीं माने. मैंने जब अधिकारियों को यह बात बताई तो पता लगा कि 6 लाख रुपए से ज्यादा का थाना लाइनपार पर पेमेंट बाकी है इसलिए उनकी बिजली काट दी. ऊपर के अधिकारियों ने आपस में बात की, फिर बाद में लाइन जोड़ दी गई है. क्या बात हुई है यह मुझे नहीं मालूम, लेकिन मैंने दरोगा जी को बहुत समझाने की कोशिश की थी उन्होंने मेरी नहीं मानी.

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