सिख दंगा केस: सज्जन को सुप्रीम कोर्ट से झटका

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट से 84 दंगे मामले में दोषी सज्जन कुमार को राहत नहीं मिली। उम्रकैद की सजा काट रहे सज्जन कुमार की मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत देने की गुहार सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया और कहा कि वह रेग्युलर बेल पर जुलाई में सुनवाई करेगा।

मामले की सुनवाई के दौरान सज्जन कुमार के वकील विकास सिंह ने दलील दी कि सज्जन कुमार की उम्र 70 साल से ऊपर है और वह तमाम तरह की बीमारियों से ग्रसित हैं उन्हें डायबिटीज भी है। विकास सिंह ने कहा कि सज्जन कुमार की जमानत अर्जी पेंडिंग है। सज्जन कुमार को कैंसर का भी शक है। उन्हें एम्स के मेडिकल बोर्ड के सामने भी भेजा गया था और फिर जेल भेज दिया गया था। लगातार उनकी जमानत अर्जी पेंडिंग है लेकिन सुनवाई नहीं हो पाई। इसी बीच कोरोना महामारी के कारण सज्जन कुमार को दोबारा एम्स में नहीं दिखाया जा सका। उनकी जिंदगी का सवाल है। सज्जन कुमार की उम्रकैद की सजा मौत की सजा में तब्दील हो रही है।

सज्जन की बीमारी का हवाला देते हुए विकास सिंह ने कहा कि इस तरह तो उनका क्लाइंट जेल में ही परलोक सिधार जाएंगे और इस तरह उम्रकैद खुद-ब-खुद मौत की सजा में तब्दील हो जाएगा। इस पर चीफ जस्टिस ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रही सुनवाई के दौरान कहा कि आप ऐसा न कहें। हम अभी जमानत की अर्जी पर फैसला नहीं लेंगे। तब विकास सिंह ने कहा कि हमारी गुहार को सुना जाए मेडिकल ग्राउंड पर दलील दी गई। तब चीफ जस्टिस ने कहा कि याचिकाकर्ता के मेडिकल रिपोर्ट से जाहिर होता है कि उन्हें अस्पताल में दाखिल करने की जरूरत नहीं है। सात मार्च की रिपोर्ट में एम्स का कहना है कि अस्पताल में भर्ती की जरूरत नहीं है। ऐेसे में हम जमानत अर्जी पर अभी सुनवाई नहीं करेंगे।

तब विकास सिंह ने कहा कि हमें अंतरिम राहत दी जाए। मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत दी जाए। तब सॉलिसिटर जनरल ने अभियोजन पक्ष की ओर से कहा कि जमानत नहीं दी जानी चाहिए। ये सामूहिक नरसंहार की वारदात है और याचिकाकर्ता भीड़ की अगुवाई कर रहे थे। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कोई राहत नहीं दी और कहा कि वह जमानत अर्जी पर जुलाई में सुनवाई करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत देने से भी मना किया। अब जुलाई में सुनवाई होगी।

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