साइकिल रेस जीत गई तो मिलने आऊंगी अमेरिका, दरभंगा की ज्योति बोली- इवांका ट्रंप दीदी थैंक्स

 दरभंगा 
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने जब बिहार के दरभंगा की रहने वाली ज्योति की कहानी को ट्वीट किया तो वह सोशल मीडिया पर छा गई। हर ओर ज्योति हौसले और हिम्मत की चर्चा होने लगी। बता दें कि ज्योति ने अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से दरभंगा तक का लगभग 1200 किलोमीटर का सफर साइकिल से तय किया। 

एक न्यूज चैनल से बात करते हुए ज्योति कहती हैं कि वह इवांका दीदी को थैक्स कहना चाहती हैं। ज्याेति एक बार इवांका से मिलना भी चाहती है। वह कहती है कि जब वह साइकिलिंग रेस जीतेगी उसके बाद इवांका दीदी से मिलने अमेरिका जाएगी। ज्योति जानती है इवांका से मिलना आसान नहीं है बावजूद उनका हौसला कम नहीं है, ज्योति का मानना है जब वे रेस जीतेंगी तो इवांका जरूर उनसे मिलेंगी। 
 

500 रुपये में खरीदी साइकिल :
ज्योति बताती है जब लॉकडाउन हुआ तो  हम सब बहुत परेशान हाे गए। बीमार पिता से बात की लेकिन वह साइकिल पर बैठकर घर चलने को तैयार नहीं हुए। पिता ने ज्योति से कहा कि साइकिल से घर जाने में दिक्कत बहुत हाेगी।  लेकिन ज्याेति ने हिम्मत नहीं हारी और पिता को साइकिल से ही चलने के लिए मना लिया।  ज्याेति के मुताबिक मोदी सरकार की तरफ से उनके खाते में एक हजार रुपया आया। इसमें से 500 रुपये की साइकिल खरीदी और बचे पैसे को कैश रख लिया। रास्ते में लोग खाना खिला रहे थे, इसलिए वो पैसा भी खर्च नहीं हुआ। 

शिक्षा और साइकिलिंग के क्षेत्र में नाम कमाना चाहती हैं ज्योति 
अपने हौसले और हिम्मत से चर्चा में आयी दरभंगा की बेटी ज्योति अब शिक्षा और साइकिलिंग के क्षेत्र में नाम कमाना चाहती है। फिलहाल उसकी इच्छा दरभंगा में ही पढ़ाई करने की है। साथ ही प्रैक्टिस करने के लिए एक अच्छी साइकिल चाहती है। इवांका ट्रंप की ओर से तारीफ किये जाने से उत्साहित ज्योति ने शनिवार को 'हिन्दुस्तान' से बातचीत में कहा कि अभी हमें सबसे अधिक आर्थिक मदद की जरूरत है। उसने कहा कि मीडिया में मेरा नाम आने के बाद रोज घर पर कई लोग मिलने आते हैं। कुछ लोगों ने आर्थिक मदद की भी है। कुछ ने मदद का आश्वासन दिया है। लेकिन हमें अभी तक उस प्रकार की मदद नहीं मिली है जिससे हम खेल या पढ़ाई के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें।  

परिवार में हैं सात लोग : 
जिला मुख्यालय दरभंगा से 30 किलोमीटर दूर है सिरहुल्ली गांव। सिंहवाड़ा प्रखंड की टेकटार पंचायत के इस गांव की आबादी करीब चार हजार है। इसी गांव में अपने बीमार पिता को गुरुग्राम से साइकिल पर बिठाकर घर पहुंचाने वाली ज्योति कुमारी का घर है। पिता को साइकिल पर बिठाकर करीब 1200 किलोमीटर की यात्रा करने वाली ज्योति 10 बाई 12 के एक कमरे में अपने पूरे परिवार के साथ रहती है। उसके परिवार में कुल सात लोग हैं।  ज्योति पांच भाई-बहन है। बहनों में ज्योति दूसरे नंबर पर है। उससे छोटे दो भाई हैं। घर इंदिरा आवास का है। पिता हरियाणा के गुरुग्राम में ई रिक्शा चलाकर परिवार का भरण-पोषण करते थे। वहां दुर्घटना के शिकार होने के बाद वे भी फिलहाल काम करने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसे में उन्हें घर चलाने की चिंता भी सता रही है।  मालूम हो कि ज्योति को साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से दिल्ली आने का न्योता मिला है। शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की पुत्री व उनकी सलाहकार इवांका ट्रंप की ओर से ट्विटर पर ज्योति की तारीफ किये जाने से वह काफी खुश है। उसने कहा कि इससे मेरा हौसला और बढ़ा है। मैं आगे भी कुछ ऐसा करना चाहती हूं जिससे मेरे परिवार और गांव का नाम रोशन हो। 

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