सर्वे के बाद ‘होमवर्क’ से तय हुए कांग्रेस की दूसरी लिस्ट के प्रत्याशी

 
लखनऊ 

लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों की दूसरी सूची साफ तौर पर कांग्रेस के आंतरिक सर्वे के बाद हुए 'होमवर्क' की तरफ इशारा करती है। राज्यसभा सदस्य डॉ. संजय सिंह को सुलतानपुर का उम्मीदवार तब बनाया गया, जबकि कांग्रेस के पास ये इनपुट्स थे कि यहां से मौजूदा सांसद वरुण गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसा ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर के भी केस में हुआ। आंतरिक सर्वे में यह पाया गया कि फतेहपुर सीकरी से बेहतर चुनाव वह मुरादाबाद सीट पर लड़ेंगे। लिहाजा उन्हें यहां टिकट दिया गया। 
 
सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस ने हर लोकसभा सीट पर दो सर्वे कराए। दोनों सर्वे रिपोर्ट्स के आकलन पर यह तय किया जा रहा है कि कहां कौन सा उम्मीदवार बेहतर होगा। पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी को जिस तरह से मीरजापुर से उम्मीदवार बनाया गया है, उससे साफ है कि वाराणसी सीट से ही कांग्रेस के तीन उम्मीदवारों का नाम आने के बाद कांग्रेस ने सभी के अजस्टमेंट की कवायद शुरू कर दी है। इसकी शुरुआत ललितेश से की गई है। वाराणसी से ही पूर्व सांसद राजेश मिश्र और पूर्व विधायक अजय राय भी दावेदार हैं। 

बाहरियों से परहेज नहीं 
कांग्रेस ने लिस्ट में चार उम्मीदवार ऐसे घोषित किए हैं, जिन्हें अभी पार्टी में आए महीना भर भी नहीं हुआ। पार्टी ने साफ कर दिया है कि अगर कांग्रेस में जिताऊ उम्मीदवार आते हैं तो अपने उम्मीदवार न रहने की सूरत में वह उन्हें टिकट दे सकती है। ऐसे लोगों के नामों की घोषणा के बाद कांग्रेस में अभी 'बागियों' की एंट्री तेज होगी। कांग्रेस ने लिस्ट में सावित्री बाई फुले, राकेश सचान, कैसरजहां और ओमवती देवी जाटव को प्रत्याशी बनाया है। 

हर बड़ा नाम मैदान में 
कांग्रेस की इस लिस्ट ने उन कयासों को पुख्ता कर दिया है, जिसके तहत हर बड़े नाम को चुनाव मैदान में जाना होगा। जो राज्यसभा में हैं, उन्हें भी टिकट थमा दिया गया है। बुधवार को जारी लिस्ट में प्रमोद तिवारी का नाम नहीं है। हालांकि सूत्र बताते हैं कि उन्हें भी उतारा जाएगा। प्रतापगढ़ से राजकुमारी रत्ना सिंह का टिकट फाइनल होने के बाद अब यह माना जा रहा है कि प्रमोद तिवारी को इलाहाबाद, लखनऊ या किसी और सीट से लड़ाया जा सकता है। 

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