घायल महिला की जान बचाने कंधे पर लादकर तीन किलोमीटर पैदल चले ग्रामीण
जशपुरनगर
आकाशीय गाज की चपेट में आने से बुरी तरह से ग्रामीण महिला झुलस गई। घायल को इलाज के लिए अस्पताल तक ले जाने के लिए घंटों मशक्कत करना पड़ा।
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो के मुताबिक ग्रामीणों ने इस महिला की जान बचाने के लिए तकरीबन 3 किलोमीटर खाट के सहारे कंधे में लाद कर लाना पड़ा। बताया जा रहा है कि गांव तक पहुंचने के लिए सड़क ना होने की वजह से पीड़ित की सहायता के लिए संजीवनी एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई।
घटना जिले के बगीचा थाना क्षेत्र के छिरोडीह गांव की है। जानकारी के मुताबिक जशपुर और बलरामपुर जिले की सीमा पर स्थित इस गांव की निवासी सुनीता तिर्की पति दुबराज तिर्की अपने पालतू मवेशियों को चराने के लिए रविवार की सुबह घर से निकली थी।
सुबह तकरीबन 10 बजे अचानक मौसम ने अपना मिजाज बदला। तेज हवा और गरज के साथ बूंदा बांदी होने लगी। इससे बचने के लिए सुनीता पास में स्थित एक पेड़ के नीचे खड़ी हो गई। इसी दौरान तेज चमक और गरज के साथ उस पेड़ पर गाज आ कर गिरा।
गाज की चपेट में आ जाने से सुनीता बुरी तरह से झुलस गई। इस हादसे के बाद महिला की जान बचाने के लिए उसे अस्पताल ले जाने की तैयारी ग्रामीण करने लगे। ग्रामीणों ने सहायता के लिए संजीवनी एंबुलेंस सेवा से गुहार लगाई। लेकिन इस एंबुलेंस के गांव तक पहुंचने के लिए सड़क बाधा बन गई।
बताया जा रहा है कि इस गांव तक पहुंचने के लिए अब तक सड़क नहींं बन पाया है। ग्रामीण अब भी कच्ची सड़क और पगडंडी के सहारे ही अपना जीवन काट रहे हैं। सबसे नजदीकी अस्पताल बलरामपुर जिले का शंकरगढ़ पड़ता है। यहां से स्वास्थ्य विभाग का एंबुलेंस गांव से तीन किलोमीटर दूर ही थम गया।
घायल सुनीता की जान बचाने के लिए यहां के सरपंच और पंच सहित ग्रामीणों ने उसे एक खाट में लिटा कर कांधे में लाद दिया। खराब मौसम से जुझते हुए ग्रामीण कांधे में घायल सुनीता को कांधे में लादे हुए तीन किलोमीटर की सपुर तय की। इसके बाद संजीवनी एंबुलेंस की सहायता से उसे शंकरगढ़ के स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया गया है। जहां उसकी हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।