सरदार सरोवर बांध डूब प्रभावित ने नर्मदा में लगायी छलांग, NDRF की टीम ने बचाया

बड़वानी
बड़वानी में सरदार सरोवर बांध (SARDAR SAROVER)का एक डूब पीड़ित आत्महत्या (SUICIDE)करने के लिए उफनती नर्मदा नदी (NARMADA RIVER)में कूद पड़ा. मौके पर मौजूद NDRF टीम ने उसे बचा लिया. पीड़ित व्यक्ति का घर डूब गया है और जिस पुनर्वास क्षेत्र में बसाया गया है वहां भी पानी भरने के कारण वो घर नहीं बना पा रहा है.

बड़वानी के कसरावद पुल से एक शख्स अचानक नर्मदा नदी में कूद पड़ा. उसकी पहचान 40 साल के प्रवीण विश्वकर्मा के तौर पर हुई है. वो धार के खापरहेड़ा का रहने वाला है.

प्रवीण के परिवार ने बताया कि सरदार सरोवर बांध के कारण नर्मदा के बेक वॉटर में घर डूब गया है. घर में 5 फीट तक पानी भर गया है. शासन ने जो जगह इनके पुनर्वास के लिए दी है वहां मूलभूत सुविधाएं ही नहीं हैं. इसलिए वहां नया घर नहीं बन पा रहा है. मजबूरीवश उसे मकान खाली करना पड़ा.

ऐसे में सवाल यह था कि प्रवीण अपने परिवार को लेकर कहां जाता.इसी से परेशान होकर उसने नदी में छलांग लगा दी. मौके पर NDRF की टीम थी. इसलिए उसने फौरन युवक को पानी से निकाल लिया. प्रवीण अस्पताल में भर्ती है. नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर ने प्रवीण से मिलकर उसे समझाया और शांत कराया.

सरदार सरोवर बांध में 139 मीटर तक पानी नहीं भरने और डूब प्रभावितों के पुनर्वास सहित अन्य मुद्दों को लेकर नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर बड़वानी में अनशन कर रही थीं.दो मंत्रियों के मनाने पर भी उन्होंने अपना आंदोलन खत्म नहीं किया था. बाद में सीएम कमलनाथ की ओर से पूर्व मुख्य सचिव शरद चन्द्र बेहार ने बड़वानी पहुंचकर मेधा पाटकर का अनशन ख़त्म कराया था. उन्होंने 9 सितंबर को भोपाल में डूब प्रभावितों और आंदोलनकारियों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक कराने का वादा किया था. इस आश्वासन पर मेधा पाटकर ने अपना अनशन तोड़ा था. हालांकि उन्होंने ये चेतावनी दे दी है कि बैठक में अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो डूब प्रभावित भोपाल में ही सत्याग्रह (Satyagrah) शुरू कर देंगे.

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