सरगुजा में नए साल में नरम पड़ सकता है मौसम का मिजाज

सरगुजा
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) प्रदेश के सबसे ठंडे इलाके की फेहरिस्त मे शुमार सरगुजा (Sarguja) वासियों के लिए मौसम विभाग की तरफ से अच्छी खबर आई है. नए साल के जश्न में सरगुजा की ठंड (Cold) की दखल थोड़ी नरम पड़ने वाली है. पिछले सप्ताह छाए बादल और बारिश के बाद आसमान खुलते ही सरगुजा मे हाड़ कपाने वाली ठंड ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया था, लेकिन एक बार फिर बादलों की वजह से मौसम का मिजाज नरम पड़ने की संभावना जताई जा रही है.

सरगुजा (Sarguja) संभाग मे बीते 27 दिसंबर से लगातार ठंड के तेवर तेज होते जा रहे थे और 28 दिसंबर को जिले का अधिकतम पारा 16 डिग्री तो न्यूनतम पारा साढे तीन डिग्री के आस पास पहुंच गया था. जिसके बाद 28 और 29 की दमरियानी रात तो अम्बिकापुर (Ambikapur) समेत शहरी इलाकों का न्यूनतम तापमान 3 डिग्री के आस पास पहुंच गया था तो ग्रामीण इलाको मे 2 डिग्री सेल्सियस और जिले के हिल स्टेशन मैनपाट मे परा लुढ़क कर आधा डिग्री पर पहुंच गया था. जिससे मैनपाट औऱ संभाग के अन्य पठारी इलाकों में सुबह होने के पहले तक हरी वादियां बर्फ की चादर से सफेद हो गई थी.

​अंबिकापुर के मौसम वैज्ञानिक अक्षय मोहन का कहना है कि 30 दिसंबर से नए साल के 2 जनवरी तक ठंड के वर्तमान तेवर के नरम पड़ने के आसार दिख रहे हैं. 30 दिसम्बर की रात के आसपास एक पश्चिमी विक्षोभ, पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में सक्रिय होने वाला है. मध्य उत्तरप्रदेश और उसके समीपवर्ती क्षेत्रों के आसमान मे 0.9 किमी की ऊंचाई के स्तर का एक चक्रवात सक्रिय है. इसके अलावा राजस्थान के ऊपर भी मध्यप्रदेश के नजदीकी आसमान पर चक्रवात बन गया है. लिहाजा 30 तारिख को सक्रिय होने वाले पछुआ के प्रभाव से 1 व 2 जनवरी को मध्य और पश्चिमोत्तर भारत मे निचले स्तर की पूर्वी बयार से इन क्षेत्रों में विस्तृत से अतिविस्तृत वर्षा और ओला वृष्टि की संभावना बनती दिख रही है. इस नए विक्षोभ की सक्रियता से उत्तरी छत्तीसगढ़ के आसमान पर भी बादलों की आवाजाही बनी रहेगी. इससे ठंड कम होने के आसार हैं.

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