सरकार बंद कर सकती है पुलिसकर्मियों का अवकाश, ज्यादातर पुलिसवालों को नहीं मिला वीक ऑफ

भोपाल
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही सीएम कमलनाथ ने प्रदेश के पुलिसकर्मियों को तोहफा देते हुए साप्ताहिक अवकाश (वीक ऑफ) की घोषणा की थी। सरकार द्वारा कहा गया था कि प्रदेश में सभी पुलिसकर्मियों को एक जनवरी 2019 से वीक ऑफ मिलना शुरू हो जाएगा। लेिन कई ऐसे पुलिसकर्मी हैं जिन्हें अभी तक वीक ऑफ नहीं मिला है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुलिसकर्मियों के वीक ऑफ को कैंसिल कर दिया गया है। वहीं, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है। शिवराज सिंह चौहान ने अपने ट्विटर पर एक लिंक शेयर किया है और उसमें लिखा है थोथा चना, बाजे घना। कांग्रेस की कथनी और करनी में फर्क फिर उजागर। पुलिसकर्मियों को एक दिन साप्ताहिक अवकाश देकर ढोल पीटा और अब फिर वही ढपली, वही राग।

पहले सप्ताह में मिला वीक ऑफ
राज्य पुलिस मुख्यालय ने एक आदेश जारी किया जिसमें कहा गया कि फील्ड अधिकारियों और कर्मियों के लिए साप्ताहिक अवकाश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। पहले सप्ताह में, राज्य में पुलिस कर्मियों को साप्ताहिक अवकाश दिया गया था, लेकिन पुलिस का कहना है कि इसे बंद कर दिया गया है। एक पुलिस कर्मी का कहना है कि मुझे हर दिन 12 घंटे की शिफ्ट करनी पड़ती है लेकिन उन्हें पुलिस के नौकरी में अभी तक कभी भी वीक ऑफ नहीं मिला है। उम्मीद थी की प्रदेश में कमलनाथ सरकार आने के बाद मुझे वीक ऑफ मिलेगा लेकिन मुझे साप्ताहिक अवकाश नहीं मिला। वहीं, एक अन्य पुलिसकर्मी का कहना है कि मुझे भी अब तक साप्ताहिक अवकाश नहीं मिला है। सरकार ने सिर्फ एक दिन के लिए अभ्यास शुरू किया था जिसे अब किसी कारण से रोक दिया गया है।

कमलनाथ ने ट्वीट कर दी थी बधाई
2 जनवरी को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा था, पुलिस कर्मियों को एक दिन के अवकाश का जो वचन हमने दिया था, उसे प्रतिबद्धता के साथ पूरा किया गया। मैं सभी पुलिस कर्मियों को बधाई देते हुये कामना करता हूँ कि वे अपने परिवार को पूरा समय दें। आप सभी को भरोसा दिलाता हूँ कि मेरे साथ आपके जीवन में आने वाला हर पल पहले से बेहतरीन होगा।

पुलिसकर्मियों की कमी
पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने के आदेश पर बल की कमी आड़े आ रही है। दरअसल थानों में पहले से ही बल कम है। पचास से सत्तर फीसदी बल में थाने संचालित हो रहे हैं। ऐसे में यदि पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने के आदेश का पालन किया गया तो प्रतिदिन थाने में तीन से पांच स्टाफ कम रहेगा। बल की कमी के चलते अधिकांश थाना प्रभारी उक्त आदेश का क्रियान्वयन नहीं करवा रहे हैं।

एक लाख पर 139 पुलिस कर्मी
प्रदेश में 1 लाख 25 हजार 585 पुलिस कर्मी हैं। जिसमें 27 हजार एसएएफ फोर्स है। जबकि 56 हजार मैदानी क्षेत्रों में तैनात हैं। प्रदेश में 21 हजार 500 पद खाली हैं। मानकों के अनुसार, एक लाख आबादी पर 193 पुलिस कर्मी हैं। जबकि एक लाख आबादी पर 139 पुलिस कर्मी ही हैं।

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