सरकार के एक आदेश को जबलपुर कलेक्टर ने इस तरह किया चैलेंज

जबलपुर
ज़बरदस्त आर्थिक संकट से जूझ रहे मध्य प्रदेश में सरकार (madhya pradesh) ने ज़िलों को राजस्व वसूली (Revenue collection) का निर्देश दिया है. सभी का लक्ष्य तय कर दिया गया है. जबलपुर (jabalur) को 64 करोड़ का टारगेट दिया गया है. जबलपुर कलेक्टर ने शासन के इस आदेश को चैलेंज किया है.

कमलनाथ सरकार ने पूरे प्रदेश में सभी कलेक्टरों को राजस्व वसूली का टारगेट दिया है. सख़्ती से कहा गया है कि वो अपने अपने ज़िलों में सख़्ती से राजस्व वसूली करें. जबलपुर को 64 करोड़ रुपए का टारगेट दिया गया है.लेकिन कलेक्टर भरत यादव ने कहा है हम सवा अरब की वसूली करके देंगे.

राजधानी से आदेश मिलते ही जबलपुर में राजस्व वसूली के लिए ज़िला प्रशासन की टीम मैदान में उतर गयी है. सख़्ती से बकाया राजस्व की वसूली की जा रही है. इसके नतीजे मिलने शुरू हो गए हैं. 2 दिन में 15 करोड़ रुपए वसूल लिए गए. कलेक्टर भरत यादव का कहना है-जबलपुर में कई ऐसे संस्थान हैं जिन्होंने दो साल से टैक्स जमा नहीं किए थे.

मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय कॉलेज पर भी 25 करोड़ रुपए का बकाया निकला. प्रशासन ने सख़्ती शुरू की तो बुधवार को उसने 5 करोड़ रुपए जमा करा दिए. शहर की और भी कई नामी-गिरामी संस्थाएं और व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं जो सरकार को टैक्स पे नहीं कर रहे हैं.

जब ज़िला प्रशासन ने राजस्व वसूली पर सख्ती दिखाई, तो अधिकारी बकायादारों की लिस्ट बना रहे हैं.कलेक्टर भरत यादव का कहना है, जिस तरह से बकायादारों की लिस्ट सामने आ रही है उससे लगता है जबलपुर जिले में ही हम तकरीबन सवा सौ करोड़ रुपए की राजस्व वसूली कर लेंगे.

राजस्व वसूली के इस अभियान से इतना तो साबित हो गया है कि पिछले कई साल प्रशासन और सरकार दोनों ने राजस्व वसूली पर ध्यान नहीं दिया था. सत्ता में बदलाव के बाद जब सरकार को खाली खज़ाना मिला तब उसकी नज़र बकायादारों पर पड़ी.

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