जीसीएफ की पहली ‘धनुष’ तोप सैन्य बेड़े में शामिल होने के लिए तैयार

जबलपुर
 देश की सबसे आधुनिक और बोफोर्स तोप से ज्यादा शक्तिशाली 'धनुष' तोप (155एमएम/45 कैलिबर गन) जबलपुर की गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में बनकर तैयार है। निर्माणी के कर्मचारियों ने स्वदेशी तकनीक से यह आधुनिक तोप बनाई है, जो हमारे लिए बड़े गर्व की बात है। सैन्य प्रशासन ने धनुष का हर मौसम में परीक्षण किया, जिसमें यह तोप पूरी तरह सफल रही। डीजीक्यूए (क्वालिटी कंट्रोल) ने जीसीएफ में स्वदेशी तकनीक से बनाई गई पहली धनुष का 'आई-नोट' जारी कर दिया है, जिससे यह तोप सैन्य बेड़े में शामिल होने पूरी तरह तैयार है।

जीसीएफ में शुक्रवार को यह बात आयुध निर्माणी बोर्ड मेम्बर (वेपन) हरिमोहन ने धनुष तोप का पूजन-अर्चन करने के बाद कही। इस दौरान निर्माणी के वरिष्ठ महाप्रबंधक रजनीश जौहरी, जीआईएफ महाप्रबंधक डीके बंगोत्रा, सैन्य अफसर रवि भारद्वाज, एमके गुप्ता, बीएसएस राव, बिपिन कुमार और यूनियनों, संगठनों के प्रमुख पदाधिकारी मौजूद रहे। बोर्ड मेम्बर ने कहा कि विदेशी तोपों की तुलना में स्वदेशी धनुष तोप बेहतर है। जीसीएफ में बनाई गई धनुष तोप अत्यंत आधुनिक है।

बोफोर्स तोप 39 कैलिबर है, लेकिन धनुष तोप 45 कैलिबर की है। इस तोप की कीमत कम, वजन कम और मारक क्षमता (रेंज 38 किमी.) मंहगी तोपों को चुनौती देती है। यह तोप सीमा पर तैनात करके दुश्मनों के इलाके में 38 किमी. दूर तक बम चलाकर सुरक्षित हमला किया जा सकता है। रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में जीसीएफ को 14 धनुष तोप बनाने का आर्डर दिया है। इसके तहत जीसीएफ में नई तोप बनाने का काम किया जा रहा है। डीजीक्यूए ने निर्माणी में बनीं पहली धनुष तोप को 'आई-नोट दिया। अगले सप्ताह तक दूसरी धनुष का आईनोट भी मिलने की उम्मीद है।

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