सत्ता में आते ही अपना वादा भूली सरकार, अब शराब दुकानों के विरोध में उतरे लोग
रायपुर
छत्तीसगढ़ की सत्ता में आने से पहले कांग्रेस सरकार ने सूबे में पूर्ण शराबबंदी का वादा किया था. लेकिन शराबबंदी को लेकर सार्थक पहल नहीं होने से शराब दुकानों का विरोध शुरू हो गया है. राजधानी रायपुर से लेकर जांजगीर तक शराब के विरोध में आम लोगों, स्कूली छात्र के साथ ही राजनीतिक दल सड़क पर उतर गए है.
शराब दुकानों के विरोध में लोग मुखर होकर सड़क पर उतर रहे है. रायपुर के गोकुल नगर में शराब दुकान का स्कूली छात्र-छात्राओं और स्थनीय लोगों ने विरोध किया. विरोध बढ़ता देख शराब दुकान को काठाडीह रोड में शिफ्ट किया गया. लेकिन यहां भी स्थानीय लोगों ने शराब दुकान का विरोध करना शुरू कर दिया. लोगों ने शराब दुकान के विरोध में मंगलवार को कलेक्टोरेट का घेराव भी कर दिया था. इसी तरह जांजगीर के बाराद्वार में भी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस शराब दुकान का विरोध कर रही है.
शराबबबंदी के मुद्दे को लेकर आबकारी मंत्री कवासी लखमा का बयान है कि नोटबंदी की तरह रातोंरात शराबबंदी नहीं की जा सकती है. इस बयान के बाद राजनीति शुरू हो गई है. मंत्री के इस बयान को भाजपा सवाल उठा रही है. भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास का कहना है कि सत्ता में आते ही कांग्रेस अपना वादा भूल गई है. तो वहीं कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने उल्टे पिछली भाजपा सरकार को ही आड़े हाथ लिया है. कांग्रेस का कहना है कि स्कूल और देवालयों के पास ही पिछली सरकार द्वारा शराब दुकान खुलवाए गए. विरोध करने के बाद भी शराब दुकानों को बंद नहीं किया गया. जबकि कांग्रेस ने तत्काल एक्शन लिया है.