सचिन तेंदुलकर की रिटायरमेंट स्पीच सुन विंडीज खिलाड़ियों की आंखें हो गई थीं नम

नई दिल्ली
भारतीय क्रिकेट में 'क्रिकेट के भगवान' का दर्जा हासिल करने वाले सचिन तेंदुलकर का अंतिम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच फैन्स के लिए भी एक भावुक पल था। 2013 में 200वां टेस्ट खेलकर उन्हें क्रिकेट से विदाई लेनी थी। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वेस्टइंडीज के खिलाफ यह मैच खेला गया था। सचिन तेंदुलकर ने इस मैच की अपनी अंतिम पारी में 74 रन बनाए। जब वह बल्लेबाजी करने आए तो उन्हें दोनों अंपायरों और वेस्टइंडीज की पूरी टीम ने 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया। भारत ने वेस्ट इंडीज से यह मैच एक पारी और 126 रनों से जीता। वेस्ट इंडीज की हार के साथ ही तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का अंत हो गया। मैच के  बाद सचिन ने पूरे भरे हुए स्टेडियम में रिटायरमेंट स्पीच दी। इसने लाखों क्रिकेट फैन्स की आंखें नम कर दी थीं।

फैन्स ही नहीं वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों के लिए भी अपने आंसू रोकना नामुमकिन हो गया। वेस्टइंडीज के ऑल राउंडर किर्क एडवर्ड ने बताया, ''सचिन के 200वें टेस्ट के लिए मैं वहां था। यह मेरे लिए भी बहुत भावुक पल था। इस मौके पर उनकी और क्रिस गेल की आंखें नम थीं।''

किर्क एडवर्ड ने कहा, ''मैं क्रिस गेल के बाद खड़ा हुआ था। हम दोनों की ही आंखों में पानी है। हम दोनों ने कोशिश की कि आंखों से पानी बाहर न आए।'' एडवर्ड ने क्रिकट्रेकर से बातचीत में कहा, ''हमारे लिए भी यह बहुत भावुकता भरे पल थे। हम जानते थे कि अब कभी सचिन को खेलते हुए नहीं देखेंगे।''

सचिन तेंदुलकर ने 15291 रनों, 51शतकों, 68 अर्द्धशतकों के साथ अपना करियर का अंत किया। उन्हें टेस्ट क्रिकेट की 329 पारियों में 53.78 की औसत से ये रन बनाए। 463 वनडे में सचिन ने 44.38 की औसत से 18426 रन बनाए। इनमें 49 शतक और 96 अर्द्धशतक शामिल रहे।

बता दें कि 16 नवंबर 2013, एक ऐसी तारीख जिसे कोई भी याद रखना नहीं चाहेगा। '22 यार्ड के बीच की मेरी 24 वर्ष की जिंदगी का अंत आ चुका है', यह शब्द सचिन तेंदुलकर ने क्रिकेट के जुनूनी देश के सामने कह सभी की आंखें नम कर दी। 16 नवंबर 2013 को 'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर ने इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया था। अपने भाषण में सचिन तेंदुलकर ने लगभग हर उस व्यक्ति का जिक्र किया, जिन्होंने उन्हें सफल क्रिकेटर बनने में मदद की। सचिन की विदाई को अब कई साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी उनका वो भाषण रोंगटे खड़े कर देता है।

सचिन के अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर का यह आखिरी दिन बना और पूरी टीम ने उन्हें पवेलियन तक 'गार्ड ऑफ हॉनर' दिया। सचिन भी नम आंखें लिए स्टंप उठाकर दर्शकों का अभिवादन करते हुए पवेलियन गए। इसके बाद उन्होंने बेहद भावनात्मक भाषण दिया, जिसे सुनकर हर क्रिकेट प्रशंसक की आंखें गीली हो चुकी थी। सचिन…सचिन… के नारों के बीच तेंदुलकर वानखेड़े स्टेडियम की पिच को ढोक देने गए। इससे उन्होंने दर्शाया कि क्रिकेट उनके लिए पूजा है।

 

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