बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के बाद बोले सौरभ गांगुली, हितों का टकराव बड़ा मुद्दा

मुंबई 
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के भावी अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने सोमवार को कहा कि ‘हितों का टकराव’ भारतीय क्रिकेट के सामने सबसे बड़े मुद्दों में से एक है। उन्होंने कहा कि इसके विवादास्पद नियम सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों को इस खेल के प्रशासन में आने से रोक रहे है। पूर्व कप्तान गांगुली ने सोमवार को मुंबई में बीसीसीआई के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल किया। गांगुली का इस पद पर निर्विरोध चुना जाना तय है। नामांकन दाखिल करने के बाद गांगुली ने पत्रकारों के साथ बातचीत में अपने अजेंडे पर चर्चा की। 47 साल के गांगुली खुद भी हितों के टकराव के मुद्दे का सामना कर चुके है। उन पर बंगाल क्रिकेट संघ (सीएबी) और आईपीएल फ्रैंचाइजी दिल्ली कैपिटल्स के मेंटोर रहने के कारण दोहरी भूमिका निभाने का आरोप लगा था। वह पहले ही दिल्ली कैपिटल्स से अलग हो चुके हैं जबकि 23 अक्टूबर को बीसीसीआई अध्यक्ष का पद भार संभालने के बाद वह सीएबी के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा दे देंगे। 

हितों के टकराव पर ध्यान 
पूर्व कप्तान ने कहा कि भारतीय क्रिकेट में हितों का टकराव एक बड़ा मुद्दा है। गांगुली ने कहा कि पद संभालने के बाद वह इस पर ध्यान देंगे। उन्होंने का यह महत्वपूर्ण मुद्दा है और इसे सुलझाना जरूरी है। 

क्रिकेटर्स का आना अच्छा 
गांगुली ने कहा कि क्रिकेटर्स का प्रशासन में आना अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि इससे भारत में खेल को फायदा होगा। गांगुली ने कहा कि पहले भी क्रिकेटर्स प्रशासन में आते रहे हैं लेकिन इतने बड़े पद पर कोई नहीं आया। 

कप्तानी ज्यादा मुश्किल 
गांगुली ने क्रिकेट टीम की कप्तानी को अधिक चुनौतीपूर्ण करार दिया। गांगुली ने कहा कि एक प्रशासक की अधिक चुनौतियां हैं लेकिन कप्तानी अधिक मुश्किल है। उन्होंने कहा जब आप मैदान पर टीम की कमान संभाल रहे होते हैं तो आपके त्वरित फैसले लेने होते हैं। 

आईसीसी से रेवेन्यू 
गांगुली ने कहा कि भारत को आईसीसी से अपने हिस्से का पूरा पैसा नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि पिछले तीन-चार साल में भारत को उतना धन नहीं मिला जितना उसे मिलना चाहिए। गांगुली ने कहा कि क्रिकेट का 80 प्रतिशत रेवेन्यू भारत से आता है और इसे इस हिसाब से उसे हिस्सा नहीं मिलता। 

अभी राजनीति में जाने का इरादा नहीं 
ममता बनर्जी ने सौरभ गांगुली को बधाई दी। गांगुली ने उनका शुक्रिया अदा किया। उनसे जब पूछा गया कि क्या वह राजनीति में जाने के इच्छुक हैं तो उन्होंने कहा कि फिलहाल वह क्रिकेट प्रशासन पर ही ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक वक्त पर अगर सब जगह ध्यान देंगे तो कोई काम नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल वह सिर्फ क्रिकेट पर ध्यान दे रहे हैं। उन्होंने साथ ही कहा कि कोई राजनेता उनके संपर्क में नहीं था। 

कब अध्यक्ष बनने की सोची 
पूर्व कप्तान ने कहा कि मेम्बर्स ही अध्यक्ष बनाते हैं। उन्होंने कहा कि जब बोर्ड के सदस्यों ने उनसे इस बारे में पूछा तभी उन्होंने इस चुनाव में उतरने का इरादा किया। 

10 महीने का होगा कार्यकाल 
47 वर्षीय गांगुली का कार्यकाल एक साल से भी कम समय के लिए ही होगा क्योंकि नए नियमों के मुताबिक, अगले साल जुलाई के बाद वह ‘कूलिंग ऑफ पीरियड’ में चले जाएंगे। 

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