संसद में गूंजा धान खरीदी का मामला, कांग्रेस ने केंद्र पर लगाया भेदभाव का आरोप

दिल्ली
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) का धान खरीद (Paddy Purchase) का मुद्दा लोकसभा में भी गुंजा. कांग्रेस (Congress) सांसदों ने शून्यकाल में राज्य के किसानों की आवाज को सदन में उठाया. सदन में तवज्जों नहीं मिलने से नाराज कांग्रेस सदस्यों ने वॉकआउट भी कर दिया. सांसद छाया वर्मा (MP Chaya Verma) ने भी राज्यसभा में धान खरीद का मुद्दा उठा. उन्होंने कहा कि राज्य की बिजली, कोयला केंद्र को चाहिए. मगर चावल नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि पूर्व में केंद्र ने भाजपा (BJP) सरकार से चावल खरीदने नियम को शिथिल किया था. 28 लाख मेट्रिक टन एक बार 4 लाख मेट्रिक टन दोबारा खरीदा था. अब केन्द्र सरकार भेदभाव कर रही है.

बुधवार सुबह कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में छत्तीसगढ़ के धान खरीद का मुद्दा सदन में उठाने का फैसला लिया गया था. इसके बाद सदन शुरू होते ही कांग्रेस सदस्यों ने धान खरीद के मुद्दे को उठाया. मगर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने व्यवस्था का हवाला देकर शून्यकाल में बात रखने के निर्देश दिए. फिर शून्यकाल में कांग्रेस ने सदन में नेता अधीर रंजन चौधरी, बस्तर सांसद दीपक बैज ने केंद्र सरकार को घेरना शुरू कर दिया. उन्होंने धान खरीद पर केंद्र सरकार पर छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया.

सांसद दीपक बैज ने कहा कि पार्टी की संसदीय दल की बैठक में ये मुद्दा उठाने का निर्णय लिया गया था. केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ का चावल केंद्रीय पूल में नहीं खरीद रही है. उन्होंने लोकसभा में केन्द्र सरकार पर राज्य सरकार के साथ भेदभाव का आरोप लगाया गया. बाद में सभी कांग्रेस सदस्यों ने वॉकआउट कर दिया था.

दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार के समय केंद्र सरकार ने नियम शिथिल किए थे और चावल खरीदा. अब कांग्रेस की सरकार में नहीं खरीद रही है. किसानों के हित के मामले पर भेदभाव किया जा रहा है.

दीपक बैज ने कहा कि लोकसभा के माध्यम से पीएम तक किसानों की आवाज़ पहुचाई है. केंद्र को दोबारा विचार करना चाहिए, वरना कांग्रेस सदन में और सदन के बाहर प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) ने केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात की है. पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) को भी पत्र लिखा है. राज्य सरकार दिल्ली में धरना देगी तो कांग्रेस सांसद भी उनका साथ देंगे.

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