संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले सीमा पर हिंसा को बढ़ावा दे रहा पाकिस्तान: अधिकारी

 
नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे से जुड़े संविधान के अस्थायी प्रावधानों को खत्म किए जाने के भारत के आंतरिक मामले के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए पाकिस्तान हर चाल में नाकाम होने के बाद अब हिंसा की साजिश रच रहा है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इस महीने के आखिर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर की ओर विश्व समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर हिंसा को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
 इजाफा की आशंका
एक सुरक्षा अधिकारी ने खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में आतंकवादियों की घुसपैठ और सीमापार से गोलीबारी बढ़ने की आशंका है ताकि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में गड़बड़ी की तस्वीर पेश कर सके। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को सीमा के साथ-साथ भीतरी इलाकों में भी अतिरिक्त सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है ताकि पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के किसी भी दुस्साहस को नाकाम किया जा सके।
 
17 सितंबर से शुरू हो रही है संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक 17 सितंबर से शुरू हो रही है और इसमें अधिकतर देशों के नेता शामिल होंगे। पकड़ी गई खुफिया जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान को लगता है कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को तूल देने का यह सही मौका है। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान अपने पक्ष में बोलने के लिए और भारत सरकार के फैसले के खिलाफ विश्व शक्तियों से संपर्क कर रहा है।

कश्मीर पर अलग-थलग पाकिस्तान, सिर्फ चीन का साथ
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हालांकि चीन को छोड़कर किसी भी देश ने पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया है। इसलिए इस्लामाबाद हिंसा को बढ़ावा देकर कश्मीर मुद्दे को उठाने की पूरी कोशिश करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भाग लेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी इस वार्षिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। कश्मीर मुद्दे को लेकर खान लगातार 'न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग' की कोशिश में हैं और दो परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच सैन्य टकराव की आशंका की बार-बार चेतावनी देते रहे हैं।

आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाक ने सीमा पर बढ़ाए सैनिक
जम्मू-कश्मीर के मसले पर बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तान ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर एक और ब्रिगेड की तैनाती कर दी है। इन्हें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एलओसी के बाग और कोटली सेक्टरों के नजदीक तैनात किया गया है। इन्हें पाक सेना ने फिलहाल आक्रामक पोजिशंस पर तैनात नहीं किया है। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने एलओसी के 30 किलोमीटर के दायरे में इन सैनिकों की तैनाती की है। भारतीय सेना LoC के उस पार की हलचल पर करीबी नजर बनाए हुए है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने आतंकी घुसपैठ कराने के लिए सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है।

रक्षा मंत्री राजनाथ की वॉर्निंग, बल प्रयोग से नहीं हिचकिचाएगा भारत
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत कभी भी आक्रामक नहीं रहा लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह अपनी रक्षा करने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करने से हिचकिचाएगा। उन्होंने यह टिप्पणी कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की पृष्ठभूमि में सोल में हुई रक्षा वार्ता में की।
 
 

संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले सीमा पर हिंसा को बढ़ावा दे रहा पाकिस्तान: अधिकारी

 
नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे से जुड़े संविधान के अस्थायी प्रावधानों को खत्म किए जाने के भारत के आंतरिक मामले के अंतरराष्ट्रीयकरण के लिए पाकिस्तान हर चाल में नाकाम होने के बाद अब हिंसा की साजिश रच रहा है। अधिकारियों ने गुरुवार को बताया कि इस महीने के आखिर में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से पहले पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर की ओर विश्व समुदाय का ध्यान आकर्षित करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा पर हिंसा को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।
 इजाफा की आशंका
एक सुरक्षा अधिकारी ने खुफिया जानकारी का हवाला देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में आतंकवादियों की घुसपैठ और सीमापार से गोलीबारी बढ़ने की आशंका है ताकि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में गड़बड़ी की तस्वीर पेश कर सके। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों को सीमा के साथ-साथ भीतरी इलाकों में भी अतिरिक्त सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है ताकि पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के किसी भी दुस्साहस को नाकाम किया जा सके।
 
17 सितंबर से शुरू हो रही है संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक
संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक 17 सितंबर से शुरू हो रही है और इसमें अधिकतर देशों के नेता शामिल होंगे। पकड़ी गई खुफिया जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान को लगता है कि जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को तूल देने का यह सही मौका है। 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के बाद से ही पाकिस्तान अपने पक्ष में बोलने के लिए और भारत सरकार के फैसले के खिलाफ विश्व शक्तियों से संपर्क कर रहा है।

कश्मीर पर अलग-थलग पाकिस्तान, सिर्फ चीन का साथ
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि हालांकि चीन को छोड़कर किसी भी देश ने पाकिस्तान का समर्थन नहीं किया है। इसलिए इस्लामाबाद हिंसा को बढ़ावा देकर कश्मीर मुद्दे को उठाने की पूरी कोशिश करेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र में भाग लेंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान भी इस वार्षिक कार्यक्रम में शामिल होंगे। कश्मीर मुद्दे को लेकर खान लगातार 'न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग' की कोशिश में हैं और दो परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों के बीच सैन्य टकराव की आशंका की बार-बार चेतावनी देते रहे हैं।

आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए पाक ने सीमा पर बढ़ाए सैनिक
जम्मू-कश्मीर के मसले पर बढ़े तनाव के बीच पाकिस्तान ने लाइन ऑफ कंट्रोल पर एक और ब्रिगेड की तैनाती कर दी है। इन्हें पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में एलओसी के बाग और कोटली सेक्टरों के नजदीक तैनात किया गया है। इन्हें पाक सेना ने फिलहाल आक्रामक पोजिशंस पर तैनात नहीं किया है। भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तान ने एलओसी के 30 किलोमीटर के दायरे में इन सैनिकों की तैनाती की है। भारतीय सेना LoC के उस पार की हलचल पर करीबी नजर बनाए हुए है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान ने आतंकी घुसपैठ कराने के लिए सीमा पर अतिरिक्त सैनिकों की तैनाती की है।

रक्षा मंत्री राजनाथ की वॉर्निंग, बल प्रयोग से नहीं हिचकिचाएगा भारत
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी देते हुए कहा है कि भारत कभी भी आक्रामक नहीं रहा लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि वह अपनी रक्षा करने के लिए अपनी ताकत का इस्तेमाल करने से हिचकिचाएगा। उन्होंने यह टिप्पणी कश्मीर मुद्दे पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की पृष्ठभूमि में सोल में हुई रक्षा वार्ता में की।
 
 

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