संकल्प पत्र: प्रज्ञा ठाकुर ने राजधानी के कल आज और आने वाले कल का किया जिक्र 

भोपाल
भोपाल लोकसभा क्षेत्र के लिए पेश किए गए संकल्प पत्र में भविष्य के  संकल्प के साथ ही साध्वी प्रज्ञा ने भोपाल के कल आज और आने वाले कल का जिक्र किया है। कल के भोपाल में 15 साल पहले दिग्विजय के मुख्यमंत्री रहने के दौर की याद दिलाई गई है जिसमें कहा गया है कि उनके समय में बंटाढार की चपेट में भोपाल था। इसमें उन्होंने 2003 तक के भोपाल की याद दिलाते हुए कहा है कि तब भोपाल बेहाल, बदहाल बुनियादी सुविधाओं का शहर था। भोपाल में गायब बिजली, रहवासी एवं व्यवसायिक इलाकों तक की सड़कें गड्ढों से भरी थीं। 

पानी का संकट था और बढ़ते अपराध की संख्या सरेआम थी। दैवेभो को हटाए जाने वाला बंटाढार का युग था जिसे आंखें बंद कर याद करने पर पूरा शरीर सिहर उठता है। इसी में कहा गया है कि बंटाढार युग में प्रदेश का जो हाल किया था, वे हम सब भूल नहीं पाए हैं। 

बंद होते धंधे, व्यापारियों पर लाठीचार्ज, किसानों पर गोली चलाना, जनभावना को ठेंगा दिखाना, सत्ता के मदमस्त खर्राटे, राजनीति की तिकड़म, सरला मिश्रा कांड, वो मढोताल, वो आसमानी करों की मार, सरपंच का सामूहिक बलात्कार, लश्करे तैय्यबा का प्रशिक्षण, झिरन्या कांड में एके 47 का जखीरा, अजाअजजा के 4000 आरक्षित पदों का गायब होना, चुनाव मैनेज कराना, विकास के बजाय मैनेजमेंट पर चुनाव देने की दुहाई देना समेत लोकायुक्त की उस टिप्पणी को भी संकल्प पत्र में स्थान दिया गया है जिसमें तब के लोकायुक्त की टिप्पणी थी कि अली बाबा और 40 चोरों की सरकार है। अंत में यह कहा गया है कि क्योंकि उनके नीयत में खोट है, कार्यशैली में कुशासन है और परिणाम बंटाढार है। 

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