श्रीलंका में आत्मघाती हमले की आंच केरल, तमिलनाडु पर पड़ने की आशंका

 नई दिल्ली 
श्रीलंका में बौद्धों और मुसलमानों के बीच तनाव किस कदर बढ़ गया है, उसकी झलक रानिल विक्रमसिंघे मंत्रिमंडल के मुस्लिम मंत्रियों के इस्तीफे में मिलती है। पड़ोसी देश में चल रहे इस घटनाक्रम का तमिलनाडु और केरल जैसे दक्षिण भारतीय राज्यों से जुड़ी सुरक्षा पर गहरा असर हो सकता है। ईटी को पता चला है कि भारत पर पड़ने वाले इसके असर को लेकर सशंकित मोदी सरकार तमिलनाडु और केरल के मुसलमानों से श्रीलंका के असंतुष्ट और कट्टरपंथी मुसलमानों के रिश्तों पर कड़ी नजर रख रही है। 
 
प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी 9 जून को श्रीलंका की यात्रा के दौरान वहां की सरकार से सामुदायिक सौहार्द कायम करने की अपील कर सकते हैं ताकि पड़ोसी मुल्क के सामुदायिक तनाव के असर से दक्षिण भारत को बचाया जा सके। भारत दक्षिण भारत के पड़ोस में आईएस के उभार को रोकने के मकसद से कट्टरपंथी तत्वों के उकसावे को काबू करने के लिए श्रीलंका के साथ काम कर सकता है। आतंकवाद के खिलाफ साझीदारी को विस्तार देना श्रीलंका के राष्ट्रपति के साथ प्रधानमंत्री मोदी के द्विपक्षीय बैठक के एजेंडे का अहम मुद्दों में शामिल हो सकता है। 

जांच में पता चला है कि कोलंबो में हुए आत्मघाती आतंकवादी हमलों की साजिश रचने वाले सरगना श्रीलंका के मौलवी जाहरान हाशिम ने दक्षिण भारत के कई इलाकों के युवाओं को कट्टरपंथी बनाया है। नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने उसके एक संदिग्ध फॉलोअर को गिरफ्तार किया है, जिसने पूछताछ में कथित तौर पर केरल में आत्मघाती हमला करने की योजना होने की बात स्वीकार की है। मुमकिन है कि हाशिम तमिलनाडु में IS मॉड्यूल्स के साथ संपर्क में हो। 

लक्षद्वीप के लिए कथित इस्लामिक स्टेट (IS) के आतंकवादियों और उनके लिए खुफिया तौर पर काम करनेवालों की नौकाएं रवाना होने की खुफिया खबरों पर केरल के तटीय इलाकों में हाई अलर्ट जारी किया गया है। बताया जा रहा है कि नौकाएं कथित रूप से श्रीलंका से रवाना हुई हैं। श्रीलंका में सिलसिलेवार बम विस्फोट होने के बाद, खासतौर पर NIA की जांच में IS के लिए खुफिया तौर पर काम करनेवालों की केरल में आत्मघाती हमला होने की योजना का पता चलने के बाद से राज्य में अलर्ट जारी है। 

सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि IS ने श्रीलंका, तमिलनाडु और केरल में अपना प्रभाव बनाने के लिए तमिल और मलयालम जैसी स्थानीय भाषाओं का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इससे उन्हें एक तबके के लोगों के बीच तुरंत पैठ बनाने में मदद मिल रही है। ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) के मुताबिक, लगभग 180 इंडियंस ISIS में शामिल हो चुके हैं और इनमें से ज्यादातर दक्षिण भारत के हैं। ORF के मुताबिक श्रीलंका से कम से कम 32 लोग ISIS की तरफ से लड़ने के लिए सीरिया गए थे। 

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