शेयर बाजार ने देखा 17 साल का सबसे बुरा महीना, ये है वजह?

 
मुंबई 

बीते जुलाई का महीना भारतीय शेयर बाजार के लिए बेहद निराश करने वाला रहा. इस महीने में भारतीय शेयर बाजार में 17 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है. आंकड़े बताते हैं कि जुलाई 2019 में निफ्टी 5.68 फीसदी लुढ़का है जबकि सेंसेक्स में 4.86 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. शेयर बाजार की ऐसी बुरी हालत साल 2002 में देखने को मिली थी. तब जुलाई के महीने में निफ्टी करीब 9.3 फीसदी और सेंसेक्स करीब 8 फीसदी तक टूट गया था.

क्‍यों बने ये हालात

आमतौर पर जुलाई को शेयर बाजार के लिहाज से अच्‍छा महीना माना जाता है. इस बार तो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के पहले आम बजट की वजह से भी बाजार को उम्‍मीदें थीं. लेकिन 5 जुलाई को आम बजट पेश होने के बाद शेयर बाजार ने ऐतिहासिक गिरावट देखी. इसके अलावा मॉनसून में देरी, कंपनियों के खराब नतीजे और सुस्त आर्थिक ग्रोथ की वजह से भी बाजार की हालत पस्‍त हो गई.

बजट ने किया प्रभावित

बाजार के जानकारों की मानें तो इस महीने में शेयर बाजार को सबसे अधिक आम बजट ने प्रभावित किया है. दरअसल, निवेशकों को आम बजट से काफी उम्‍मीदें थीं लेकिन उन्‍हें निराशा हाथ लगी. यही नहीं,  विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआईज) के लिए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस टैक्स बढ़ा दिया गया. वहीं सरकार ने इसमें छूट की मांग को भी खारिज कर दिया. शेयर बाजार के बुरे दौर के लिए ऑटो सेक्‍टर की बदहाली भी जिम्‍मेदार है. मारुति सुजुकी की अगुवाई में जुलाई महीने में ऑटो सेक्‍टर के शेयर धड़ाम हो गए.

विदेशी वजह से भी हुआ नुकसान

बाजार के जानकारों का कहना है कि जुलाई में शेयर बाजार के दबाव में रहने के पीछे विदेशी फैक्‍टर्स ने भी काम किया. इस महीने में यूएस जॉब डाटा और ट्रेड वॉर की आशंका की वजह से बाजार की हालत खराब हो गई.

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