शिवसेना की मांग- श्रीलंका की तरह भारत में भी बुर्के पर लगे बैन, BJP विरोध में

   नई दिल्ली
श्रीलंका में भीषण आतंकी हमलों के बाद वहां की सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा ढकने वाले हर तरह के कपड़ों पर बैन लगा दिया है, लेकिन चुनावी मौसम में अब यह मुद्दा भारत में भी गरमाने लगा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में संपादकीय लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में भी बुर्का पर बैन लगाने की मांग की है। भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ने भी शिवसेना की इस मांग का समर्थन किया है। हालांकि, बीजेपी ने इस मांग को खारिज कर दिया है। बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने 'सामना' की संपादकीय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस तरह के बैन की कोई जरूरत नहीं है।

जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा, 'मोदी सरकार की अगुआई में हम आतंकवाद को रोकने में सफल रहे। किसी प्रकार के बैन लगाने की मेरे हिसाब से कोई आवश्यकता नहीं है। मोदी हैं तो देश सुरक्षित है।' बीजेपी के अलावा एनडीए के ही एक अन्य सहयोगी रामदास आठवले ने शिवसेना की मांग को खारिज किया है। आठवले ने कहा कि यह परंपरा का हिस्सा है। मुस्लिम महिलाओं को बुर्का पहनने का हक है, इस पर प्रतिबंध नहीं लगना चाहिए।

'प्रधानमंत्री मोदी से सवाल, रावण की लंका में हुआ, राम की अयोध्या में कब होगा?' शीर्षक से लिखे संपादकीय में शिवसेना ने मांग की है कि श्रीलंका की तरह ही भारत में भी बुर्का पर प्रतिबंध लगे। संपादकीय में लिखा गया है, 'बम विस्फोट के बाद श्रीलंका में बुर्का और नकाब सिहत चेहरा ढकनेवाली हर चीज पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया है…प्रधानमंत्री मोदी को भी श्रीलंका के राष्ट्रपति के कदमों पर कदम रखते हुए हिंदुस्तान में बुर्का और उसी तरह नकाब बंदी करें, ऐसी मांग राष्ट्रहित के लिए कर रहे हैं।'

शिवसेना ने संपादकीय में लिखा है, 'फ्रांस में भी आतंकवादी हमला होते ही वहां की सरकार ने बुर्काबंदी की। न्यू जीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी यही हुआ। फिर इस बारे में हिंदुस्तान पीछे क्यों?…रावण की लंका में जो हुआ वो राम की अयोध्या में कब होगा? प्रधानमंत्री मोदी आज अयोध्या निकले हैं, इसीलिए यह सवाल।'

बता दें कि ईस्टर के दिन श्रीलंका के अलग-अलग शहरों में चर्चों और होटलों में हुए 8 आतंकी हमलों में 256 लोगों की मौत हो गई, जबकि करीब 500 अन्य घायल हो गए। आतंकी संगठन आईएसआईएस ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी।

 

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