आंध्र प्रदेश में साथ आने के संकेत, जगनमोहन रेड्डी ने कांग्रेस को किया माफ

अमरावती 
वाईएसआर कांग्रेस के मुखिया जगनमोहन रेड्डी ने शुक्रवार को कहा कि अभी तक जिस तरह कांग्रेस पार्टी ने उनके साथ बर्ताव किया है, उसके लिए उन्होंने कांग्रेस को माफ कर दिया है। जगनमोहन रेड्डी ने यह भी कहा कि अगर कांग्रेस आंध्र प्रदेश को स्पेशल कैटिगरी का दर्जा दिलाने के लिए तैयार हो तो उन्हें कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने में कोई समस्या नहीं है।  

रेड्डी ने कहा, 'मुझे किसी के खिलाफ कोई शिकायत नहीं है। बदला लेने में मेरा कोई भरोसा नहीं है, यह सब भगवान तय करेगा। मैंने उन्हें दिल से माफ कर दिया है। जहां तक मेरी बात है, मेरा राज्य ही मेरी प्राथमिकता है। राज्य को स्पेशल कैटिगरी का दर्जा दिलाना ही मेरी प्राथमिकता है।' गौरतलब है कि 2009 में हेलिकॉप्टर क्रैश में जगनमोहन रेड्डी के पिता की मौत हुई थी। राज्य का मुख्यमंत्री बन पाने में असफल होने के बाद जगन ने कांग्रेस से किनारा कर लिया था। 
 
कांग्रेस के पक्ष में बयान, नई रणनीति का हिस्सा? 
गौरतलब है कि राज्य में हो रहे विधानसभा चुनाव के दौरान प्रचार में अब तक जगनमोहन रेड्डी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला नहीं किया है और उन्होंने संगठित विपक्ष से भी दूरी बना रखी है। इसी के चलते सत्तारूढ़ तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) उनपर आरोप लगा रही है कि वह बीजेपी का समर्थन कर रहे हैं। कांग्रेस को लेकर उनके नए बयान को उनकी नई रणनीति के रूप में देखा जा रहा है। 
 
इन बयानों का खास महत्व है क्योंकि आंध्र प्रदेश में टीडीपी और कांग्रेस के बीच अघोषित गठबंधन है। दोनों पार्टियां तेलंगाना के विधानसभा चुनाव में एकसाथ चुनाव भी लड़ चुकी हैं। वहीं, एनडीए से बाहर हो चुके चंद्रबाबू नायडू और उनकी टीडीपी कांग्रेस और राहुल गांधी के उस वादे के साथ खड़े दिख रहे हैं, जिसमें उन्होंने आंध्र प्रदेश को स्पेशल कैटिगरी का दर्जा दिलाने की बात कही थी। 
 
कांग्रेस ने कहा- देर नहीं हुई, हमारा समर्थन करें 
आपको बता दें कि जगनमोहन रेड्डी 2011 में कांग्रेस से अलग हो गए थे और उन्होंने अपनी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी का गठन किया था। जगनमोहन रेड्डी के इस बयान के बाद आंध्र प्रदेश कांग्रेस ने कहा है, 'उन्होंने (जगन) स्पेशल कैटिगरी के दर्जे पर राहुल गांधी के स्टैंड के बाद अपना मन बदल लिया है। अगर जगनमोहन रेड्डी सचमुच ऐसा चाहते हैं तो अभी देर नहीं हुई है, उन्हें कांग्रेस का समर्थन करना चाहिए।' 
 

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