शहीद सैनिक औरंगजेब के भाई शब्बीर और तारिक सेना में भर्ती, कहा- लेंगे बदला

 
नई दिल्ली 

जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमले में पिछले साल शहीद हुए घाटी के सैनिक औरंगजेब के दो छोटे भाइयों ने भी भारतीय सेना जॉइन की है। औरंगजेब की पिछले साल 14 जून को आतंकियों ने उस वक्त अगवा कर हत्या कर दी थी, जब वह ईद मनाने के लिए घर लौट रहे थे। अब उनके भाइयों मोहम्मद तारिक और मोहम्मद शब्बीर ने भी सेना जॉइन कर देश सेवा का जज्बा दिखाया है। एक टीवी चैनल से बातचीत में औरंगजेब के भाई शब्बीर ने सेना में भर्ती होने के फैसले को लेकर कहा, 'अपने प्रदेश और हिंदुस्तान को बचाने और अपने भाई का बदला लेने के लिए हम भर्ती हुए हैं।' 
 
सभी कॉमेंट्स देखैंअपना कॉमेंट लिखेंऔरंगजेब के पिता ने अपने दोनों बेटों के सेना से जुड़ने के मौके पर कहा, 'मेरे बेटे को आतंकियों ने धोखे से मारा। यदि वह लड़कर मर जाता तो कोई दुख नहीं था, लेकिन धोखे से जान ली गई। हनीफ ने कहा कि दोनों बेटों की भर्ती पर गर्व से मेरा सीना चौड़ा भी हो रहा है, लेकिन सीने पर जख्म भी हैं। मेरा दिल करता है कि उन दुश्मनों से मैं खुद लड़ूं, जिन्होंने मेरे बेटे को मारा।' हनीफ ने कहा कि मेरे दोनों बेटे औरंगजेब की हत्या का बदला लेंगे। 

तारिक बोले, भाई की शहादत का लेंगे बदला 
औरंगजेब के छोटे भाई मोहम्मद तारिक ने कहा कि जैसे हमारे भाई ने वतन की खातिर जान दे दी और रेजिमेंट का नाम ऊंचा किया। उसी तरह हम भी अच्छे काम करेंगे और भाई की तरह ही देश के लिए ही जान देने से पीछे नहीं हटेंगे। शब्बीर ने कहा कि मैं अपने भाई का बदला लेना चाहता हूं, इसलिए भर्ती हुआ हूं। मैं भाई और पंजाब रेजिमेंट का नाम रौशन करूंगा। 
 
11,000 नौजवानों में से चुने गए 100 सैनिक 
सोमवार को राजौरी में भारतीय सेना में 100 नए सैनिक भर्ती हुए, जिनमें शब्बीर और तारिक भी शामिल थे। औरंगजेब को देश सेवा विरासत में मिली थी। उनके पिता मोहम्मद हनीफ भी सैनिक थे और जम्मू-कश्मीर लाईट इन्फैन्ट्री से जुड़े थे। औरंगजेब के दोनों भाइयों को सेना की पंजाब रेजिमेंट में शामिल किया गया है। परीक्षा में शामिल हुए कश्मीर के 11,000 नौजवानों में से 100 को सेना में भर्ती किया गया है। 
सबसे छोटे भाई ने पहले ही कहा था, सेना में भर्ती होकर लेंगे बदला 
गौरतलब है कि पिछले साल औरंगजेब की शहादत के बाद चार भाइयों में सबसे छोटे भाई आसिम ने कहा था कि भविष्य में मैं भी सेना में शामिल होकर भाई का बदला लूंगा। फिलहाल उनकी उम्र महज 16 साल ही है, लेकिन उनसे बड़े दोनों भाइयों ने सेना में भर्ती होकर साबित किया है कि किस तरह से उनके परिवार में देशभक्ति का जज्बा है। 
 

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