शहीदों को श्रद्धांजलि के साथ तीन दिनी जश्न-ए-उर्दू का आगाज़

भोपाल

संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ की अध्यक्षता और पूर्व मुख्यमंत्री श्री दिग्विजय सिंह के मुख्य आतिथ्य में आज भोपाल में तीन दिवसीय जश्न-ए-उर्दू का आगाज हुआ। श्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि उर्दू केवल मुसलमानों की जुबान नहीं है। भोपाल और मध्यप्रदेश में यह हिन्दू-मुस्लिम दोनों की प्रिय जुबान है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उर्दू साहित्य के लिये अधिक काम हो और उर्दू अदीब और शायर को बेहतर वातावरण मिले।

डॉ. साधौ ने कहा कि प्रदेश की फ़िजा में लोगों के सहयोग से हर संस्कार और संस्कृति को आगे बढ़ाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में विभिन्न संस्कृतियाँ और विचारधाराएँ हैं। सबको पोषित करने के प्रयास होंगे। सुप्रसिद्ध फिल्म अभिनेता रजा मुराद ने भोपाल से जुड़ी अपनी बचपन की यादों को ताजा करते हुए उर्दू अकादमी से गुजारिश की कि प्रदेश के स्कूलों, कॉलेजों में उर्दू को सेकेण्ड लेंग्वेज का दर्जा दिया जाये। लेकिन यह अनिवार्य न होकर ऐच्छिक विषय हो। श्री मुराद ने कहा कि उर्दू अकादमी उर्दू भाषा सीखने की इच्छा रखने वाले छात्र-छात्राओं के लिये नि:शुल्क ट्यूशन की भी व्यवस्था करे।

उद्घाटन सत्र में इजिप्ट के तनोरा नृत्य ने दर्शकों की भरपूर तालियाँ बटोरीं। नर्तकों ने रंगीन छातों, एलईडी लाइट से सज्जित वस्त्रों आदि से सूफियाना संगीत और नृत्य का प्रदर्शन कर समा बांधा दिया। सूफी कव्वाली और भोपाल के हारमनी ने भी लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम में उर्दू अकादमी की सचिव श्रीमती नुसरत मेंहदी ने आभार प्रकट किया।

जश्न-ए-उर्दू में आज सुबह 11 बजे अलामा इकबाल पर चित्रकला प्रतियोगिता, बयादे कैफी आजमी गजल, वसीम बरेलवी के साथ एक मुलाकात और सूबाई मुशायरा हुआ।

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