शरीर के लिए क्‍यों जरूरी है विटामिन ई

विटामिन ई एक प्रकार का विटामिन है जो फैट में घुल जाता है। ये वेजिटेबल ऑयल, अनाज, मांस, अंडे, फलों, सब्जियों और व्‍हीट जर्म ऑयल के साथ-साथ कई खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। विटामिन ई सप्‍लीमेंट के रूप में भी मिलता है।
इस लेख में विटामिन ई क्‍या है, क्‍या काम करता है और उपयोग लाभ एवं कमी से होने वाले नुकसान के बारे में बताया गया है।

विटामिन ई क्या काम करता है
विटामिन ई में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण होते हैं। एंटीऑक्‍सीडेंट वो तत्‍व होते हैं जो फ्री रेडिकल्‍स से कोशिकाओं को बचाने में मदद करते हैं। वहीं जब धूम्रपान या रेडिएशन के संपर्क में आने या शरीर के खाद्य पदार्थों को तोड़ने पर जो अणु बनते हैं, वो फ्री रेडिकल्‍स होते हैं।
विटामिन ई के आठ विभिन्‍न यौगिक होते हैं और इसका सबसे अधिक सक्रिय रूप अल्‍फा टोकोफेरोल होता है। बालों और त्‍वचा के लिए ये विटामिन बहुत फायदेमंद होता है।
शरीर के कई अंगों के सही तरह से कार्य करने के लिए इस विटामिन की बहुत जरूरत होती है। ये एक एंटीऑक्‍सीडेंट भी है जिसका मतलब है कि ये कोशिकाओं को नुकसान पहुंचने की प्रक्रिया को धीमा कर देता है।

विटामिन ई के स्रोत क्या हैं
वेजिटेबल ऑयल, सूखे मेवों, बीजों और हरी पत्तेदार सब्जियों में विटामिन ई पाया जाता है। बादाम, अखरोट, मूंगफली, सूरजमुखी के बीजों, पालक और ब्रोकली जैसे खाद्य पदार्थों से विटामिन ई की पूर्ति की जा सकती है।
अधिकतर लोगों को भोजन से विटामिन ई मिल जाता है लेकिन लिवर रोगों, सिस्टिक फाइब्रोसिस और क्रोन डिजीज जैसे कुछ विकारों से ग्रस्‍त लोगों को अतिरिक्‍त विटामिन ई की जरूरत होती है।
खून पतला करने वाली और अन्‍य दवाएं ले रहे लोगों के लिए विटामिन ई के सप्‍लीमेंट हानिकारक साबित हो सकते हैं। कोई भी सप्‍लीमेंट लेने से पहले डॉक्‍टर से परामर्श लेना जरूरी होता है।

विटामिन ई के फायदे
    विटामिन ई में एंटीऑक्‍सीडेंट गुण होते हैं। एंटीऑक्‍सीडेंट वो तत्‍व होते हैं जो फ्री रेडिकल्‍स से कोशिकाओं को बचाने में मदद करते हैं। वहीं, जब धूम्रपान या रेडिएशन के संपर्क में आने या शरीर के खाद्य पदार्थों को तोड़ने पर जो अणु बनते हैं, वो फ्री रेडिकल्‍स होते हैं।
    कोशिकाओं की रक्षा कर ये शरीर को कई बीमारियों जैसे कि ह्रदय रोग या कैंसर और डिमेंशिया आदि से बचा लेता है।
    विटामिन ई इम्‍यून सिस्‍टम के कार्य में भी अहम भूमिका निभाता है। ये संक्रमण से लड़ने में कोशिकाओं की मदद करता है।
    विटामिन ई प्रोस्‍टाग्‍लैंडिन नामक हार्मोन के उत्‍पादन में भी अहम भूमिका निभाता है। ये हार्मोन कई शारीरिक प्रक्रियाओं जैसे कि ब्‍लड प्रेशर और मांसपेशियों के संकुचन को नियंत्रित करने के लिए जिम्‍मेदार होता है।
    इसके अलावा विटामिन ई एक्‍सरसाइज के बाद मांसपेशियों को ठीक करने मे भी मददगार है।
    क्रोन डिजीज, सिस्‍टिक फाइब्रोसिस या लिवर की पाचन मार्ग में पित्त रस स्रावित न कर पाने की क्षमता को विटामिन ई से ठीक किया जा सकता है। विटामिन ई के सप्‍लीमेंट से पाचन संबंधित समस्‍याओं से भी बचा जा सकता है।

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