शराब दुकानों को मिली स्वीकृति, जिले को मिला अब तक 599 करोड़ रुपए का राजस्व

भोपाल
राजधानी में छह ग्रुप की 12 दुकानों को नीलाम करने में आबकारी विभाग को खासी मशक्कत करनी पड़ी। दुकानें महंगी होने के कारण शराब कारोबारी इन्हें लेने में रूचि नहीं दिखा रहे थे। ऐसे में विभाग को वित्तीय वर्ष के अंतिम दिन ऐन मौके पर तय रेट से भी कम कीमत पर दुकानों को नीलाम करना पड़ा। दुकानों की नीलामी से विभाग को 107 करोड़ रुपए मिले हैं, जबकि विभाग ने 122 करोड़ का लक्ष्य तय किया था। विभाग ने देखा कि जब तय दामों में शराब दुकानों की नीलामी नहीं हुई, तो आला अधिकारियों के निर्देश पर रेट को कम किया गया। 

विभाग ने बस स्टेंड हमीदिया ग्रुप तो आरक्षित मूल्य से छह करोड़ कम कीमत पर गया। वहीं, पटेल नगर ग्रुप तीन करोड़ साठ लाख रुपए और बिट्टन मार्केट दो करोड़ एक लाख व रत्नागिरी एक करोड़ नवासी लाख रुपए आरक्षित कीमत से कम मिले हैं। नवीनीकरण और लॉटरी से अभी तक भोपाल जिले को 599 करोड़ का राजस्व मिल चुका है। वर्ष 2019-2020 के लिए कुल 722 करोड़ का लक्ष्य जिला भोपाल के लिए निर्धारित है। 

बस स्टेंड हमीदिया ग्रुप को गोपाल शिवहरे ने उच्चतम बोली 22 करोड़ 80 लाख लगा कर अपने नाम किया। विभाग ने इसका आरक्षित मूल्य 29 करोड़ 39 लाख 30 हजार की कीमत तय की गई थी। बिट्ठन मार्केट ग्रुप को मंदोरी ट्रेडर्स प्रा. लि. 25 करोड़ 59 लाख रुपए में लिया। विभाग ने इसकी आरक्षित कीमत बिट्टन मार्केट गु्रप के लिए 27 करोड़ 60 लाख रुपए रखी थी। 

पटेल नगर ग्रुप की शराब दुकानों की उच्चतम बोली रूपेन्द्र मिश्रा ने 22 करोड़ 6 लाख लगा कर लिया। विभाग ने इसका आरक्षित मूल्य 25 करोड़ 66 लाख 59 हजार किया था। जहांगीराबाद ग्रुप वनीषा मिनरल ने उच्चतम बोली 18 करोड़ 12 लाख में लिया। विभाग ने इसकी आरक्षित कीमत 18 करोड़ 82 लाख 18 हजार रुपए रखी थी।रत्नागिरी तिराहा ग्रुप की उच्चतम बोली 19 करोड़ 30 लाख में रुपेन्द्र मिश्रा ने लिया। विभाग ने इसकी आरक्षित कीमत 21 करोड़ 19 लाख 86 हजार रुपए रखी थी।

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