शराबबंदी की कवायद तेज, आबकारी विभाग ने भेजा ये प्रस्ताव

रायपुर 
छत्तीसगढ़ की सत्ता हासिल करने के लिए कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए 36 प्वाइंट का जन घोषणा पत्र तैयार किया था. सरकार बनते ही इन वादों को पूरा करने की कवायद भी हो गई है. जन घोषणा में एक अहम मुद्दा छत्तीसगढ़ में पूर्ण रूप से शराबबंदी भी था. अब सरकार ने शराबबंदी के लिए अपनी कवायद तेज कर दी है. शराबबंदी के प्रस्ताव पर आबकारी विभाग ने कदम आगे बढ़ाया है.

शराबबंदी के लिए अध्ययन दल के गठन और बिंदुओं को लेकर सरकार को आबकारी विभाग ने एक प्रस्ताव भेजा है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और आबकारी मंत्री कवासी लखमा टीम के सदस्यों का चयन करेंगे. टीम की स्टडी के बाद कब तक और कैसे छत्तीसगढ़ में शराबबंदी हो इस पर फैसला लिया जाएगा.

आबकारी विभाग के प्रस्ताव पर सरकार की मुहर लगने के बाद टीम सूबे के सभी जिलों का अध्ययन करेंगे. हर जिले में शराबबंदी से जुड़ी तमाम जानकारियां टीम एकजुट करेगी और अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार इन रिपोर्ट्स की स्टडी कर शराबंबदी पर एक प्लान तैयारी करेगी. मिली जानकारी के मुताबिक टीम के सदस्य बिहार और गुजरात भी जाएंगे. इन राज्यों में  शराबबंदी का नियम फेल हो गया था है. दल के सदस्य इन राज्यों द्वारा इस्तेमाल किया गए फॉर्मूले का अध्ययन करेगी.

बता दें कि गणतंत्र दिवस पर दिए अपने संबोधन में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शराबबंदी को लेकर एक अहम एलान किया था. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शराबबंदी पर कहा था कि शराबबंदी के लिए दो नई समितियों का गठन किया जाएगा. ये समितियां इस बात का अध्ययन करेंगी कि जिन राज्यों में शराबबंदी की गई वहां विफल कैसे हुई है. इन बातों का अध्ययन करने के बाद ही फैसला लिया जाएगा.

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