स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने गौठान में मशरूम उत्पादन की कल्पना को किया साकार

रायपुर
पंखों को मिला खुला आसमान यह कहावत छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बनाए गए आदर्श गौठान मौहाभाठा में चरितार्थ होती नजर आ रही है। शासन के प्रयासों और महिला स्व-सहायता समूहों की मेहनत से यहां महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो रही है। बेमेतरा जिले के साजा विकासखण्ड के मौहाभाठा के गौठान में महुआ और कल्पना महिला स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के परिश्रम और हिम्मत का नतीजा है कि गौठन में मशरूम उत्पादन की कल्पना को साकार किया जा सका है।

महिला समूहों में कुल 14 सदस्य है। इनके द्वारा गौठान में मशरूम उत्पादन के लिए 120 बैग लगाये गये हैं। जिसमें कुछ ही समय में उत्पादन होना शुरू हो जायेगा। इसके साथ ही और बैग लगाने की तैयारी भी की जा रही है। इन समूहों के द्वारा उत्पादित मशरूम की खुले मार्केट में अच्छी मांग है। मशरूम प्रोटीन का अच्छा स्त्रोत है जो सूखे और गीले दोनों रूपों में बिकता है। गौठान की फेन्सिंग में भी महुआ महिला स्व-सहायता समूह द्वारा बनाए गए तारजाली का उपयोग किया गया है। पंचायतों के फेन्सिंग के लिए भी इस समूह से बात की जा रही है। इसके अलावा कल्पना समूह की महिलाओं द्वारा गौठान में वर्मी खाद तैयार किया जा रहा है।

इनके द्वारा निर्मित खाद की गुणवत्ता अच्छी होने के कारण किसानों द्वारा खेतों में उपयोग के लिए इस वर्मी खाद की मांग बहुतायत से होने लगी है। महुआ महिला स्व-सहायता समूह के सफल संचालन में अध्यक्ष सुमाया साहू, सचिव सुब्रिजबाई मानिकपुरी, कोषाध्यक्ष सुअहिल्या साहू और कल्पना महिला स्वसहायता समूह की अध्यक्ष सुकुसुम बाई साहू, सचिव सुभूमिका साहू का अथक प्रयास रहा है। इनके मार्गदर्शन के लिए शासन स्तर पर अधिकारी लगातार उपस्थित रहते हैं, इससे इनका मनोबल बना रहता है।

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