वैक्‍सीन से पहले अपनी ही मौत मरेगा कोरोना

लंदन
विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन (WHO) के एक कैंसर प्रोग्राम के डायरेक्‍टर रह चुके प्रफेसर करोल स‍िकोरा ने कोरोना वायरस को लेकर बड़ा दावा किया है। सिकोरा ने कहा है कि कोरोना वायरस के खिलाफ दुनियाभर में जारी जंग वैक्‍सीन के बनाए जाने से पहले ही खत्‍म हो सकती है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना वायरस वैक्‍सीन के विकास से पहले ही अपने आप खत्‍म हो सकता है।

सिकोरा ने कहा, 'कोरोना वायरस के खिलाफ हर जगह एक जैसा ही पैटर्न दिखाई पड़ रहा है। मुझे संदेह है कि हमारे अंदर जितना अनुमान लगाया गया था, उससे ज्‍यादा रोग प्रतिरोधक क्षमता है। हमें इस वायरस को लगातार धीमा करना है लेकिन यह अपने आप ही बहुत कमजोर हो सकता है। यह मेरा अनुमान है कि ऐसा संभव हो सकता है।'

उन्‍होंने कहा, 'हमें अपनी दूरी को बनाकर रखना है और आशा करनी है कि आंकड़े बेहतर होंगे।' इससे पहले ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चेतावनी दी थी कि कोरोना वायरस का लंबे समय तक समाधान केवल वैक्‍सीन या दवा से संभव है। उन्‍होंने कहा, 'सबसे खराब स्थिति यह हो सकती है कि हम कभी कोरोना वायरस की वैक्‍सीन ही न खोज सकें।'

कोरोना वायरस से 3 लाख से ज्‍यादा लोग मारे गए
चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद से ही दुनियाभर के वैज्ञानिक वैक्‍सीन बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। अब तक दुनियाभर में कोरोना वायरस से 3 लाख से ज्‍यादा लोग मारे गए हैं और 40 लाख से ज्‍यादा संक्रमित हैं। कोरोना वायरस की वैक्‍सीन बनाने के लिए दुनियाभर में प्रयास चल रहा है।

भारतीय मूल के ब्रिटिश अधिकारी आलोक शर्मा ने रविवार को कहा था कि यह संभव है कि यूके कभी कोविड-19 की वैक्सीन ही न ढूंढ सके। उन्होंने नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'हमारे वैज्ञानिकों के अथक प्रयास के बावजूद यह संभव है कि हमें कभी सफलतापूर्व कोरोना वायरस की वैक्सीन ही न मिले।'भारतवंशी मंत्री आगे कहा, 'दुनिया के दो बड़े फ्रंटरनर जिन्हें वैक्सीन बनानी है वे ब्रिटेन में हैं- ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी और इम्पीरियल कॉलेज लंदन।'

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