पाकिस्तान ने लोकसभा चुनाव तक भारत के साथ सभी बातचीत टाली

इस्लामाबाद        
पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ने भारत में होने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजों तक दोनों देशों के बीच होने वाली सभी तरह की बातचीत को टाल दिया है. पाकिस्तान के सूचना प्रसारण विभाग के मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि इस्लामाबाद नई दिल्ली के साथ भारत में चुनाव प्रक्रिया के समाप्त होने के बाद नए सिरे से बातचीत का इच्छुक है. क्योंकि भारत में आमचुनावों के मद्देनजर मौजूदा राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बातचीत का सही समय नहीं है. इस्लामाबाद की तरफ से यह बयान तब आया है जब सिंधु नदी समझौते को लेकर पाकिस्तान का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भारत आया है.

पाकिस्तान सरकार में मंत्री फवाद चौधरी ने कहा, 'भारतीय राजनीति में चल रही उथल-पुथल के बीच यह बातचीत का सही समय नहीं है. हमने भारत के साथ बातचीत के प्रयास टाल दिए हैं क्योंकि हम मौजूदा भारतीय नेतृत्व की तरफ से किसी बड़े फैसले की उम्मीद नहीं करते.' उन्होंने कहा कि जब तक कुछ स्थिरता न हो, भारत से बात करना व्यर्थ है. चुनाव के बाद नई सरकार के गठन के बाद हम इस सिलसिले को आगे बढ़ाएंगे.

इससे पहले पाकिस्तान यह कहता रहा है कि उसकी तरफ से बातचीत को लेकर की गई कई पहल पर नई दिल्ली की तरफ से कोई साकारात्मक जवाब नहीं आया. हालांकि भारत की तरफ से हमेशा इस बात को दोहराया गया है कि जब तक इस्लामाबाद आतंकवाद को प्रश्रय देना बंद नहीं करता तब तक दोनों देशों के बीच कोई ठोस बातचीत संभव नहीं है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भारत, पाकिस्तान से किसी भी मुद्दे पर बातचीत को तैयार है, लेकिन बम और बंदूक के शोर में बातचीत की आवाज अक्सर दब जाती है.

हालांकि पाकिस्तान के मंत्री फवाज चौधरी का मानना है करतार पुर कॉरिडोर के खुलना दोनों पड़ोसी देशों के संबंधों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है. चौधरी ने भारत में नए नेतृत्व में सरकार बनने की उम्मीद जताते हुए कहा कि भारत में जो भी सत्ता में आएगा पाकिस्तान उससे बातचीत के लिए अपने कदम आगे बढ़ाएगा.

आपको बता दें कि करतारपुर कॉरिडोर संबंधि मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए पाकिस्तान ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था. लेकिन भारत की तरफ से पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को नई दिल्ली आने को कहा और इस बैठक के लिए दो संभावित तारीखें- 26 फरवरी और 7 मार्च सुझाई गईं. भारत के इस जवाब पर इस्लामाबाद की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा था कि हमारे प्रस्ताव पर नई दिल्ली का जवाब बचकाना है, लेकिन हमारा जवाब परिपक्व होगा.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *