कश्मीरी पंडितों पर वायरल हुआ सुनंदा का भाषण

वॉशिंगटन
अमेरिका में कश्मीरी हिंदुओं पर 1990 के दौर में हुई हिंसा पर अपने भाषण के बाद कश्मीरी मूल की लेखिका सुनंदा वशिष्ठ का भाषण सोशल मीडिया पर वायरल है। इस भाषण को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी उनके वायरल भाषण का विडियो ट्वीट किया है। यूएस कांग्रेस की ओर से आयोजित मानवाधिकार सम्मेलन में वशिष्ठ ने कहा कि जिस वक्त दुनिया ने इस्लामिक आतंकवाद का नाम भी नहीं सुना था, कश्मीरी पंडितों ने उस स्तर की बर्बरता और हिंसा का सामना किया।

वशिष्ठ अमेरिका में रहती हैं और नियमित स्तंभकार हैं। कई प्रसिद्ध पत्रिकाओं और अखबारों में उनके लेख नियमित तौर पर छपते हैं। प्रदेश से आर्टिकल 370 को समाप्त किए जाने का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा, 'मेरे माता-पिता कश्मीरी पंडित हैं, मैं हिंदू कश्मीरी पंडित हूं। हम कश्मीर के उस पीड़ित समुदाय से आते हैं जिन्हें इस्लामिक कट्टरपंथ के कारण अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। हिंदू महिलाओं का गैंगरेप किया गया और उनके शव के टुकड़े कर के फेंके गए। खून से लथपथ, हिंसा से आक्रांत हम मजबूर और डरे हुए लोग थे जिन्हें अपना घर छोड़ना पड़ा।'

इस्लामिक कट्टरता पर सुनंदा की खरी-खरी
सुनंदा ने उस दौर की भायनक हिंसा को याद करते हुए कहा कि वह अमानवीयता और क्रूरता की हद थी। उन्होंने कहा, 'अमेरिका ही नहीं बाकी दुनिया ने भी इस्लामिक आतंकवाद का नाम नहीं सुना था, लेकिन उस दौर में हमने उसे भोगा। हमारे घर जलाए गए, बागों में आग लगाई गई। धार्मिक पहचान के आधार पर निशाना बनाया गया। आतंकियों ने गिरिजा टिक्कू जैसी महिलाओं का गैंगरेप किया, उनके शव के टुकड़े-टुकड़े किए गए। यह सब कुछ धर्म के नाम पर संगठित होकर किया गया था।'

आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के फैसले का किया समर्थन
आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के फैसले पर सरकार का समर्थन करते हुए उन्होंने इसे साहसिक कदम बताया। कश्मीरी मूल की लेखिका ने कहा कि मुझे खुशी है कि कश्मीर में अब बिना धार्मिक भेदभाव के सभी लोग अपने अधिकारों का प्रयोग कर सकेंगे। उन्होंने घाटी में जारी पाबंदियों के भी जल्द से जल्द खत्म होने की उम्मीद जताई।

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