विवादित प्रत्यर्पण बिल के खिलाफ प्रदर्शन जारी, पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

हॉन्ग कॉन्ग
हॉन्ग कॉन्ग के येउन लोंग शहर में चीन की सीमा के पास पिछले हफ्ते लोकतंत्र समर्थकों पर हमला करने वाले संदिग्ध ट्राइड गैंग के खिलाफ शनिवार को रैली निकाली जा रही थी। इस बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे। पुलिस की प्रदर्शनकारियों के साथ भिड़ंत हो गई और लोगों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। इतना ही नहीं लोगों ने पुलिस के वाहन को घेर भी लिया।

पिछले शनिवार को लाठी-डण्डों से लैस सफेट टी-शर्ट पहने लोगों के एक गिरोह ने येउन लोंग स्टेशन पर सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों और वहां खड़े लोगों पर हमला किया था। तब से लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है। यह दुस्साहसी हमला पिछले सात हफ्ते से जारी अप्रत्याशित राजनीतिक हिंसा को हवा देने वाला ताजा घटनाक्रम है। इस हमले में घायल हुए 45 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया था। इस हिंसा में किसी कमी का संकेत नहीं है क्योंकि चीन समर्थक भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं।

रविवार की हिंसा पर कार्रवाई करने में ढिलाई बरतने को लेकर पुलिस आलोचना का शिकार हुई। सरकार पर भी समर्थक भीड़ के साथ मिलीभगत या उसकी ओर आंख मूंद लेने का आरोप लग रहा है। हालांकि पुलिस ने इस आरोप से इनकार किया है।

हॉन्ग कॉन्ग हाल के इतिहास में सबसे बुरे संकट में फंस गया है। लाखों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर रहे हैं और जगह-जगह पुलिस और कट्टर प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़पें हो रही हैं। यह प्रदर्शन उस विवादास्पद विधेयक के साथ शुरू हुआ जिसमें चीन में प्रत्यर्पण की अनुमति होगी। इसके बाद व्यापक लोकतांत्रिक सुधारों की मांग उठने लगी। येउन लोंग हॉन्ग कॉन्ग का एक ऐसा नया ग्रामीण क्षेत्र है जहां आसपास के कई गांवों के ट्राइड के साथ संबंध हैं तथा वे चीन समर्थक सत्ता प्रतिष्ठान के समर्थक हैं।

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