विरोधी नेताओं की बीमारी का उड़ाया मजाक, बयानों पर मोदी से मणिशंकर तक घिरे ये नेता

 
नई दिल्ली   
 
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद बीके हरिप्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह की तबीयत को लेकर विवादित बयान दिया. उन्होंने कहा कि अमित शाह को आम बुखार नहीं है, ये स्वाइन फ्लू (पिग फीवर) है. अगर वो कर्नाटक की सरकार को गिराने की कोशिश करेंगे तो न केवल स्वाइन फ्लू बल्कि उन्हें पता होना चाहिए कि उन्हें उल्टी और दस्त भी होने लगेगा. यह कोई पहला मौका नहीं है कि जब किसी नेता ने अपने विरोधी नेता की बीमारी का सार्वजनिक तौर पर मजाक उड़ाया है. हाल ही में दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित यमुना स्वच्छता कार्यक्रम में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने केंद्र और दिल्ली सरकार के कई मंत्रियों, सांसदों की मौजूदगी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ ऐसा फूहड़ मजाक किया था कि नितिन गडकरी को टोकना पड़ गया था.

कार्यक्रम में मौजूद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने केजरीवाल की खांसी का मजाक उड़ाया था. एम्स में इलाज करा रहे बीजेपी अध्यक्ष पर इस टिप्पणी को राजनैतिक व्यंग्य मानकर बर्दाश्त किया भी जा सकता था, लेकिन इसके बाद जो उन्होंने कहा उसने सियासत में सदाचार के आईने को चकनाचूर कर दिया.

कर्नाटक में कुमारस्वामी की सरकार गिराने की कोशिशों से हरिप्रसाद की नाराजगी समझ में आती है. यह भी समझ में आता है कि बीजेपी के कई नेता तीन दिन में नई सरकार की शपथ की मुनादी पीट रहे थे. यह भी समझ में आता है कि बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय मध्य प्रदेश में अमित शाह का इशारा मिलते ही कमलनाथ की सरकार गिरान देने की कसम खा रहे थे.

बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि जिस दिन ऊपर से सिग्नल मिल गया 15 दिन में सरकार को उलटा कर देंगे. आलाकमान ने कह दिया तो खेल कर देंगे. इसके बावजूद अमित शाह की बीमारी का मजाक उड़ाना राजनीति का फूहड़ व्यभिचार है.

कर्नाटक के दूरदराज के इलाके से कन्नड़ में दिया गया उनका बयान जब दिल्ली पहुंचा तो बीजेपी अपने अध्यक्ष के अपमान पर व्याकुल हो उठी. बीजेपी को बीके हरिप्रसाद की बात चुभ गई है. ये वाजिब भी है. लेकिन क्या वाकई उसकी अपनी नैतिकताएं बेदाग हैं.

याद कीजिए 2012 का गुजरात चुनाव. आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तब गुजरात के मुख्यमंत्री थे. उन्होंने केंद्रीय मंत्री शशि थरूर की पत्नी का जिस तरह से मजाक उड़ाया था वो शिष्टाचार के पतन का पाताल है. उन्होंने कहा था कि वाह क्या गर्लफ्रेंड है. आपने कभी देखी है 50 करोड़ की गर्लफ्रेंड.

राजनीति में भाषा और मर्यादा की दीवार उस दिन भी धराशायी हुई थी जिस दिन नरेंद्र मोदी ने सोनिया गांधी को जर्सी गाय कहते हुए उनकी बीमारी का मजाक उड़ाया था. तब मोदी नहीं जानते रहे होंगे कि बीमारियों का मजाक उड़ाकर तालियां तो मिल जाती हैं लेकिन इतिहास उसे पतन के तौर पर ही दर्ज करता है.

योगी सरकार में पर्यटन मंत्री रीता बहुगुणा कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हुआ करती थीं और मायावती सूबे की मुख्यमंत्री. मायावती ने बलात्कार पीड़ितों के लिए 25 हजार रुपए की सहायता राशि की घोषणा की थी. इस पर रीता बहुगुणा ने कहा था कि बलात्कारी पीड़ित महिलाओं को ये रुपया मायावती के मुंह पर फेंक देना चाहिए और कहना चाहिए आपका भी बलात्कार होना चाहिए. हम आपको एक करोड़ रुपया देंगे.

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