BJD ने बीजेपी से नहीं किया कोई समझौता, छवि बचाने को बनाई दूरी

नई दिल्ली                          
जनता के बीच अपनी छवि को कायम रखने के लिए इस बार बीजू जनता दल (बीजद) ने ओडिशा से राज्यसभा की सीट पर भाजपा के साथ कोई समझौता नहीं किया। इससे पहले की बीजेपी उससे एक सीट पर अपना उम्मीदवार उतारने का अनुरोध करती, बीजद ने पिछले सप्ताह चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए। 

बीजद के एक नेता ने कहा कि राज्यसभा सीट हमारे लिए उतनी अहम नहीं है जितना की राज्य के भीतर पार्टी की छवि। इसलिए पिछले साल की गलती को नहीं दोहराया गया। राज्य की 10 में से चार सीटें खाली हो रही हैं। इनमें से तीन सीटें तो बीजद को मिलनी ही थीं। लेकिन चौथी सीट यदि बीजद समर्थन करता तो भाजपा को मिल जाती।

अभी यह सीट कांग्रेस के पास है और राजीव विश्वाल सदस्य हैं। लेकिन अब कांग्रेस का दावा नहीं बन रहा है, उसने किसी को उतारा भी नहीं। भाजपा ने भी नहीं उतारा है। लेकिन अटकलें थीं कि बीजद के सहयोग से भाजपा एक उम्मीदवार उतारेगी। लेकिन बीजद ने पहले ही चारों उम्मीदवार घोषित कर दिए।
 
बीजद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले साल भी हमने एक सीट पर भाजपा को सहयोग किया था और भाजपा के अश्विनी वैष्णव जीते। लेकिन राज्य के भीतर हमारे नेताओं में काफी असंतोष फैल गया। बीजद कई मुद्दों पर समय-समय पर राज्यसभा में भाजपा को मदद भी करती रही है। लेकिन राज्य में भाजपा अब प्रमुख विपक्ष बन चुकी है। ऐसे में कैडर में सवाल उठने लगते हैं। 

जनता में भी गलत संदेश जाने लगा कि क्या सीबीआई के डर से यह कदम उठाया गया है। क्या सरकार ने कुछ गलत किया है। इन सवालों से बचने के लिए बीजद को एक ही तरीका सूझा कि पहले ही चारों सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दे। जिन उम्मीदवारों को उतारा गया है उनमें मुन्ना खान, सुजीत कुमार, ममता महंता तथा सुभाष सिंह शामिल हैं। इन चारों उम्मीदवारों का निर्विरोध जीतना तय है। इससे राज्यसभा में बीजद की नौ सीटें हो जाएंगी।

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