विपक्षियों ने फिर उठाया EVM में छेड़छाड़ का मुद्दा, जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली        
लोकसभा चुनाव के बीच ईवीएम का मुद्दा एक बार फिर गरमा गया है. पहले चरण की वोटिंग के बाद कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने ईवीएम के साथ लगाए गए वीवीपैट के रिएक्शन टाइम और उससे निकलने वाली पर्चियों को लेकर गंभीर इल्जाम लगाए हैं. विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि ईवीएम के साथ छेड़छाड़ की गई है, जिसके चलते वीवीपैट से गलत नामों की पर्चियां निकल रही हैं. विपक्ष की मांग है कि कम से कम 50 प्रतिशत मतदान पर्चियों का मिलान ईवीएम से होना चाहिए और इस मांग के विपक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख करेगा.

सेव डेम्रोकेसी (लोकतंत्र बचाओ) नाम से रविवार को कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी, कपिल सिब्बल, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू समेत कई नेताओं ने दिल्ली में संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान कांग्रेस नेता व वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि ईवीएम में वोट डालने के लिए बटन दबाया गया तो उसके साथ लगी वीवीपैट मशीन से निकली पर्ची सिर्फ 3 सेकंड के लिए ही नजर आई. सिंघवी ने कहा कि यह वक्त बेहद कम है, जिसे बढ़ाकर 7 सेकंड करना चाहिए.

इसके अलावा अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि लोगों की ये शिकायत आई है कि उन्होंने जिस पार्टी को वोट दिया, वीवीपैट से निकली पर्ची पर उस पार्टी के बजाय किसी दूसरी पार्टी का नाम निकलकर आया. यानी ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, 'चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर हम वीवीपैट से निकली पर्चियां गिनते हैं तो इसमें 5 दिन से ज्यादा वक्त लग जाएगा. हमने चुनाव आयोग से कहा है कि अपनी टीम बढ़ाएं क्योंकि इसमें 5 दिन का वक्त नहीं लगना चाहिए.'

सिंघवी ने आरोप लगाया, 'हमें नहीं लगता कि ईवीएम में गड़बड़ी के मुद्दे के निपटारे के लिए चुनाव आयोग पर्याप्त कदम उठा रहा है.'

वहीं, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीधे तौर पर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाया. केजरीवाल ने कहा, 'मशीनों में गड़बड़ी नहीं है, उनसे छेड़छाड़ की गई है. इन मशीनों को इस तरह डिजाइन किया गया है कि वोट सिर्फ बीजेपी को ही जाता है.' केजरीवाल ने सवाल उठाते हुए पूछा कि ऐसा क्यों होता है कि जिन मशीनों में खराबी की शिकायत आती है, उनके वोट बीजेपी के पक्ष में ही जाते हैं?

केजरीवाल ने आगे कि मैं एक इंजीनियर हूं, मैं भी चीजों को समझता हूं, कुछ तो लोचा है. केजरीवाल ने ऐसा कहते हुए बीजेपी को चुनौती दी और कहा कि बीजेपी वाले खुद को मर्द बताते हैं और चोरी भी करते हैं.

इस दौरान वोटर लिस्ट से मतदाताओं के नाम गायब होने का मुद्दा भी उठाया गया. टीडीपी चीफ और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया कि तेलंगाना में तकनीक का गलत इस्तेमाल करते हुए 25 लाख मतदाताओं को वोटर लिस्ट से हटा दिया गया. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वोटिंग संख्या और मतगणना में आए वोटरों की संख्या कैसे अलग हो सकती है.

इन गंभीर इल्जामों के साथ ही सभी  दलों में इस बात पर सहमति बनी कि इस मसले को अब सुप्रीम कोर्ट में ले जाया जाएगा. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इस बारे में स्पष्ट करते हुए बताया कि हमें वोटरों पर विश्वास है, लेकिन मशीन पर नहीं है. सिब्बल ने कहा कि 12-24 घंटे के लिए ईवीएम हमें दे दो, हम चुनाव आयोग को दिखा देंगे कि मशीन से कैसे छेड़छाड़ होती है. सिब्बल ने बताया कि जल्द ही इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी.

यानी अब चुनाव आयोग से ईवीएम की शिकायत करने वाले विपक्षी दलों ने अब इस मसले को सुप्रीम कोर्ट में उठाने की रणनीति बनाई है.

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