विधायक के पुत्र दीपक पटेल के विरुद्ध पावर प्लांट के समस्त कर्मचारियों ने खोला मोर्चा

खंडवा
संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट में युवक की मौत के बाद हंगामा बढ़ता ही जा रहा है। मांधाता विधायक नारायण पटेल के पुत्र दीपक पटेल के विरुद्ध पावर प्लांट के समस्त कर्मचारियों ने मोर्चा खोल दिया है। कर्मचारियों ने शनिवार को भी पूरा पावर प्लांट बंद रखा जिससे सरकार को लगभग 20 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। यह तो केवल खंडवा जिले की बात है । आने वाले समय में पूरे मध्यप्रदेश में जितने भी विद्युत पावर प्लांट है, उन सब को बंद कर दिया जाएगा और पूरे मध्यप्रदेश में ब्लैक डे कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा मनाया जाएगा। जब तक सरकार, जो अपने आप को नेता कहते हैं और अधिकारियों और कर्मचारियों को गुंडों से पिटवाते हैं लेकिन विधायक पुत्र की गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, जब तक एफआईआर नहीं होंगी तब तक इसी प्रकार का आंदोलन जारी रहेगा।

कलेक्टर कार्यालय में चल रहे धरने का पावर प्लांट एवं अन्य एसोसिएशन द्वारा विद्युत मंडल अधिकारियों के साथ अनिश्चितकालीन धरना प्रारंभ कर दिया है। धरना स्थल पर सभी ने कहा कि विधायक पुत्र दीपक पटेल को व अन्य 16 लोगों पर पुलिस किसी राजनीति दबाव के कारण कार्रवाई नहीं कर रही है जिसके चलते यह धरना जारी रहेगा। चारों यूनिट पूर्ण रूप से बंद रहेगी एक यूनिट में 52 मिलियन यूनिट( प्रतिदिन बिजली बनती है) बिजली उत्पादन होती है जिसका 1 युनिट का करीब 2 करोड़ों पैक तथा थर्मल पावर में ४ मिनिट है चारों यूनिट में 100000000 का नुकसान प्रदेश सरकार को हो रहा है। लिखित आवेदन में यह भी बताया है कि मध्य प्रदेश में जितने भी पावर प्लांट हैं सभी कल बंद हो जाएंगे और यह प्रदेश का ब्लैक डे घोषित हो जाएगा। प्रदेश सरकार यदि समय रहते आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं करती है तो यह विरोध आज खंडवा तक है कल पूरे मध्यप्रदेश तक और फिर सभी राज्यों तक पहुंचेगा। उत्पादन ठप हुआ।

संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट में 25 से 30 परसेंट बिजली प्रदेश की उत्पादन में घटी है, कटौती हो सकती है प्रारंभ। सिंगाजी थर्मल प्लांट में 1320 मेगावाट बिजली गुरुवार को नहीं बनी इसी प्रकार आज भी प्लांट बंद है। 15 मेगावाट बनती है और केवल 600 मेगा वाट बनी इसी प्रकार सारणी प्लांट में 1320 मेगावाट बनती है वह 500 मेगावाट ही बन पाई। इसी प्रकार अमरकंटक में बनती है और ढाई सौ मेगावाट ही बनी।

धरना प्रदर्शन में सिंगाजी थर्मल पावर के अधिकारियों ने बताया कि गांव में किसी कारण से कोई व्यक्ति मर जाता है तो उसे मृत्यु उपरांत ले जाते हुए रोका जाता है और एक व्यक्ति उसे कहता है कि इसको कहां आप ऐसे ले जा रहे हो यह तो 2000000 का आइटम है। इसे प्लांट के गेट पर ले चलो और वहा

लाकर प्लांट के गेट पर रख देते हैं और बोलते हैं कि प्लांट में चल रहे काम में करंट लगने से इस व्यक्ति की मौत हुई है और मुआवजा दिया जाए। इस प्रकार का क्षेत्र के लोगों का एटीट्यूट है व्यवहार है और यह मुर्दों की कीमत लगाते हैं। वैसे ही क्षेत्र के विधायक यह भूल गए कि हम भी उनके वोटर हैं। साडे 400 वोटर जोकि पावर प्लांट के अंदर रहते हैं जो उन्हें उनके जनप्रतिनिधि होने का एहसास दिलाते थे। वह यह चीज भूल गए पुत्र मोह में उन लोगों ने अपना धर्म निभाते हुए हमको जिस प्रकार प्रताड़ित किया है। उसकी सजा उन्हें मिलना चाहिए। साथ ही यह भी बताया कि क्षेत्र के विधायक का आकरयह कहना कि इस व्यक्ति को एक करोड़ मुआवजा मिलना चाहिए आपको इस लाश कीकीमतें लगाना या लाश का सौदा करना शोभा नहीं देता, आप जनप्रतिनिधि हैं नाकि लाशों के सौदागर।

संत सिंगाजी थर्मल पावर प्लांट में अधिकारी और कर्मचारियों के साथ मारपीट को लेकर देर रात तक अधिकारियों को थाने में बिठाए रखना कहीं महंगा ना साबित हो जाए। 2 दिन से पूरा पावर प्लांट बंद है जिससे करोड़ों का नुकसान सरकार को हो रहा है लेकिन कलेक्टर मैडम इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही। यदि समय रहते आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर नहीं हुई तो पूरे मध्यप्रदेश में ब्लैक डे हो जाएगा।इस मामले में कलेक्टर ने कुछ भी कहने से मना कर दिया। शनिवार को इस तरह सिंगाजी ताप परियोजना के अधिकारी, कर्मचारियों ने जिला मुख्यालय पर धरना जारी रखा।

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