विधानसभा में विपक्ष का वाकआउट, ग्रामीण विकास मंत्री बोले- जा रहे हैं तो जाइए, 2020 में लौट के नहीं आइएगा

 पटना                                                                   
सरकार के उत्तर पर असहमति जताते हुए विपक्ष ने सदन से वाकआउट किया तो नाराजगी व्यक्त करते हुए ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि 'जा रहे हैं तो जाइए, पर 2020 में लौट के नहीं आइएगा'। मंत्री के इस कथन पर सदन में जोरदार ठहाका लगा। उस समय सदन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद थे। 

दरअसल मंत्री के जवाब के शुरुआत से ही विपक्ष की टीका-टिप्पणी होती रही। फिर विपक्ष सदन से वाकआउट कर गया। मौका था सोमवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के तृतीय अनुपूरक बजट के तहत ग्रामीण विकास विभाग पर चर्चा का। वाद-विवाद के अंत में मंत्री सरकार का उत्तर रख रहे थे। 

मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि जल-जीवन-हरियाली अभियान पर सभी दलों की सहमति थी, पर राजद के सदस्य जिलों में इसको लेकर होने वाली अनुश्रवण समिति की बैठकों में शामिल नहीं हो रहे हैं। इस अभियान में वह रुचि नहीं ले रहे हैं। मंत्री ने आगे कहा कि ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जल-जीवन-हरियाली, मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण, मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना आदि का संचालन किया जा रहा है।

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में गरीबों के विकास के लिए विभाग काम कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2016 से अभी तक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 19.86 लाख आवास की स्वीकृति दी गई है। इनमें आठ लाख का निर्माण भी हो चुका है। 8.84 लाख आवास बना दिए गए हैं। 

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना के तहत 702 भूमिहीनों को 60-60 हजार आवास के लिए जमीन खरीदने के लिए दिये गए हैं। आगे और भी दिए जाएंगे। चर्चा में रामदेव राय, शिवचंद्र राम, रामानुज प्रसाद, सत्यदेव राम, समीर महासेठ, रामप्रीत पासवान, रत्नेश सदा, नवाज आलम, चंद्रसेन प्रसाद, सचिंद्र प्रसाद सिंह ने अपनी बात रखी। 

अनुपूरक बजट पारित, गरीबों के आवास के लिए 2248 करोड़
सदन में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 8868 करोड़ का तृतीय अनुपूरक बजट पारित हुआ। उपमुख्यमंत्री मंत्री सुशील कुमार मोदी ने बिहार विनियोग विधेयक 2020 को सदन में पेश किया और इसके जरिए राशि खर्च की अनुमति ली गई। इसमें सबसे अधिक प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रमीण के तहत 2248 करोड़ गरीबों के आवास निर्माण पर खर्च होंगे। इसी प्रकार 1000 करोड़ गली-नाली पक्कीकरण योजना, 402 करोड़ नियोजित शिक्षकों के वेतन, कृषि के लिए 144 करोड़, 251 सहकारिता आदि के लिए दिए गए हैं।

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