विदिशा सीट पर अब भी सस्पेंस बरकरार, पूर्व मंत्री ने की इस दिग्गज नेता को चुनाव लड़ाने की मांग

विदिशा
बीजेपी अबतक विदिशा लोकसभा सीट पर अपना प्रत्याशी तय नही कर पाई है।  पार्टी में अबतक उम्मीदवार के नाम को लेकर जबरदस्त मंथन किया जा रहा है। इसी बीच पूर्व वित्तमंत्री राघव जी का बड़ा बयान सामने आया है। राघव जी ने इस सीट से पीएम मोदी को उम्मीदवार बनाए जाने की बात कही है।हालांकि उन्होंने ये भी कहा है कि अगर पीएम मोदी यहां से चुनाव नही लड़ते तो उनकी बेटे ज्योति शाह को टिकट दिया जाए।हालांकि कांग्रेस ने भी इस सीट पर अपने पत्ते नही खोले है।

दरअसल, बीजेपी ने 21 सीटों पर उम्मीदवार तय कर लिए है, लेकिन अब भी आठ हाईप्रोफाइल सीटों पर पेंच फंसा हुआ है।खास करके विदिशा लोकसभा सीट पर बीजेपी उम्मीदवार तय नही कर पा रही है। यहां से वर्तमान में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सांसद है।लेकिन उन्होंने इस बार चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है, जिसके बाद से ही पार्टी में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इसी बीच विदिशा  से 4 बार सांसद रहे मप्र के पूर्व वित्तमंत्री राघवजी ने का बड़ा बयान सामने आया है। राघव जी का कहना है कि पार्टी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को इस क्षेत्र से प्रत्याशी बनाना चाहिए। इसका लाभ प्रदेश के अलावा छत्तीसगढ़ और राजस्थान को भी मिल सकेगा। 

वही उनका कहना है कि यदि मोदी को नहीं लड़ा रहे तो उनकी बेटी ज्योति शाह को टिकट दिया जाना चाहिए। उन्हें 35 वर्षों का अनुभव भी है। ज्योति उनके साथ पूरे संसदीय क्षेत्र में सक्रिय रही हैं।  भाजपा को पहली प्राथमिकता स्थानीय प्रत्याशी को देना चाहिए। जिसमें ज्योति शाह एक मात्र दावेदार हैं।इस सिलसिले में उन्होंने राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल और विनय सहस्त्रबृद्धे सहित कई वरिष्ठ नेताओं से दिल्ली में मुलाकात भी की है और अपना पक्ष रखा है।

बीते दिनों हुई संसदीय बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने करीबी और अपेक्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष रमाकांत भार्गव का नाम आगे बढ़ाया है, तो वहीं दूसरी तरफ सुषमा स्वराज किसी भी नाम पर खुलकर समर्थन देने से बचती नजर आई हैं। इस तरह अभी तक कोई एक नाम तय नहीं हुआ है, हालांकि, यह बात तय मानी जा रही है कि केंद्रीय नेतृत्व इस सीट पर सुषमा और शिवराज दोनों की पसंद से ही उम्मीदवार देने का मन बना चुका है। इसके अलावा पूर्व बुदनी विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत, गुरुप्रसाद शर्मा, पूर्व सांसद और पूर्व मंत्री रामपाल सिंह राजपूत का नाम भी चर्चा में है।लेकिन रमाकांत के नाम पर शिवराज का सॉफ्ट कार्नर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से दिखाई दिया है। वर्ष 2005 में जब शिवराज सिंह चौहान प्रदेश के मुख्यमंत्री बने, तब उनके लिए बुदनी विधायक राजेंद्र सिंह राजपूत ने अपनी सीट छोड़ी थी। इस त्याग के बदले राजेंद्र लगातार टिकट की मांग करते रहे हैं, लेकिन बुधनी से हर बार शिवराज लड़ते हैं और विदिशा से सुषमा चुनाव लड़ी, इस बार भी जब साधना का नाम सामने आया तो वे पीछे हट गए, लेकिन वर्तमान स्तिथि को देखते हुए एक बार फिर उनकी इच्छा जागी है। हालांकि अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को ही करना है।

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