वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ऐलान- PPP मॉडल से 6 एयरपोर्ट का किया जाएगा विकास

 नई दिल्ली 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित आर्थिक पैकेज के चौथे चरण के संबंध में विस्तार से जानकारी दीं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि आज ग्रोथ, निवेश बढ़ाने वाले आर्थिक सुधारों की घोषणा की जाएगी। घोषणा के बारे में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा है कि देश के छह एयरपोर्ट का विकास सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल से किया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने पीपीपी के अधार पर संचालन और रखरखाव के लिए 6 में से 3 हवाई अड्डों को सम्मानित किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि देश के 12 एयरपोर्ट के लिए पहले चरण में प्राइवेट कंपनियों की ओर से  13 हजार करोड़ रुपए इनवेस्ट किए जाने की संभावना है।

वित्त मंत्री ने कहा कि भारत विमान रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल का केंद्र बनेगा। इसके लिए टैक्स व्यवस्था को पहले से और युक्तिसंगत बनाया जाएगा। विमान कंपोनेंट की मरम्मत और एयरफ़्रेम रखरखाव को 3 साल में 800 करोड़ रुपये से 2000 करोड़ रुपये तक बढ़ाया जाएगा। सुधार के साथ एक टैरिफ नीति जारी की जाएगी, जिसमें उपभोक्ता अधिकार, उद्योग को बढ़ावा देना और इस फिल्ड की स्थिरता को ध्यान रखा जाएगा।
 
वित्त मंत्री ने कहा कि रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता लाने के लिए मेक इन इंडिया को बल देना जरूरी है। भारत ने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। हथियारों की लिस्ट को नोटिफाइ किया जाएगा और आयात पर बैन लगाया जाएगा। साल दर साल भारत में ही हथियारों का उत्पादन बढ़ाया जाएगा और जो पुर्जे आयात करने पड़ते हैं उनका भी उत्पादन देश में ही किया जाएगा। इसके लिए अलग से बजट दिया जाएगा। 

इससे रक्षा आयात खर्च होगा और उन कंपनियों को लाभ होगा जो भारत में सेना के लिए हथियार बनाएंगी। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री ऑर्गनाइजेशन को निगमीकृत किया जाएगा। वित्त मंत्री ने जोर दिया कि कामकाज में सुधार के लिए निगमीकृत किया जाएगा, निजीकरण नहीं किया जाएगा। इसे शेयर बाजार में सूचीबद्ध किया जाएगा। आम लोग इसके शेयर खरीद सकेंगे। रक्षा उत्पादन में एफडीआई सीमा को 49 पर्सेंट से बढ़ाकर 74 पर्सेंट किया जा रहा है।
 
केवल 60 पर्सेंट हवाई क्षेत्र नागरिक विमानों के लिए है। इसलिए उन्हें लंबे रास्ते लेने पड़ते हैं और ईंधन अधिक खर्च होता है। इसे सरल किया जाएगा ताकि विमानों को समय में कमी आएगी और उनका खर्च बचेगा। इससे नागरिक विमानन सेक्टर को एक हजार करोड़ रुपए की कटौती होगी। इससे पर्यावरण को भी लाभ होगा। एयरपोर्ट्स पर सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने 3 एयरपोर्ट पीपीपी मॉडल पर मेंटिनेंस के लिए दिया गया है। ऐसे 6 और एयरपोर्ट की पहचान की गई है और नीलामी के जरिए इन्हें प्राइवेट सेक्टर को सौंपा जाएगा। पहले और दूसरे चरण में 12 एयरपोर्ट्स में निजी सेक्टर 13 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगा।

स्पेश एक्टिविटी में प्राइवेट सेक्टर को प्रवेश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारतीय स्पेस सेक्टर को प्राइवेट सेक्टर के लिए भी खोला जा रहा है। उन्हें भी इस क्षेत्र में भागीदार बनाया जाएगा। प्राइवेट कंपनियों को भी बराबरी का अधिकार होगा। वे भी सैटेलाइट लॉन्च कर पाएंगी। निजी क्षेत्र की कंपनियों को इसरो की सुविधाओं का इस्तेमाल करने का मौका दिया जाएगा। भविष्य में ग्रहों की खोज या दूसरे ग्रहों की यात्रा के लिए प्राइवेट सेक्टर को आमंत्रित किया जाएगा।

क्या है पीपीपी मॉडल?

सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के तहत सरकार निजी कंपनियों के साथ अपनी परियोजनाओं को अंजाम देती है। देश के कई हाईवे इसी मॉडल पर बने हैं। यह एक ऐसा करार है, जिसके द्वारा किसी जन सेवा या बुनियादी ढांचे के विकास के लिए धन की व्यवस्था की जाती है।

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