वाराणसी में वोट‍िंग जारी, जीत के रिकॉर्ड पर मोदी की नजर

 
नई द‍िल्ली 

लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें चरण के ल‍िए आज 19 मई रव‍िवार को मतदान हो रहा है. इस बार उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट से 26 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. यहां से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दूसरी बार चुनाव लड़ रहे हैं. पीएम मोदी इस समय केदारनाथ की यात्रा पर हैं.

उन्हें इस बार कांग्रेस के अजय राय से चुनौती म‍िल रही है. सपा-बसपा गठबंधन की तरफ से समाजवादी पार्टी की शाल‍िनी यादव भी चुनाव मैदान में हैं. इस सीट पर एक पूर्व फौजी तेज बहादुर भी समाजवादी पार्टी के ट‍िकट से खड़े हुए थे लेक‍िन उनका नामांकन रद्द हो गया. इसके बाद समाजवादी पार्टी से शाल‍िनी यादव को ट‍िकट द‍िया गया.

इसके अलावा ज‍नह‍ित क‍िसान पार्टी, भारत प्रभात पार्टी, इंड‍ियन गांध‍ियन पार्टी, मेरा अध‍िकार राष्ट्रीय दल, अल-ह‍िंद पार्टी, भारतीय राष्ट्रवादी समानता पार्टी, मौलिक अध‍िकार पार्टी, आदर्शवादी कांग्रेस पार्टी, भारतीय जन क्रांत‍ि दल (डेमोक्रेट‍िक), राष्ट्रीय आंबेडकर दल, व‍िकास इंसाफ पार्टी, राष्ट्रीय मतदाता पार्टी, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, आम जनता पार्टी (इंड‍िया), ज‍नह‍ित भारत पार्टी के साथ ही आठ न‍िर्दलीय भी चुनाव मैदान में हैं.  

बता दें क‍ि उत्तर प्रदेश की 80 में से 13 सीटों पर 19 मई को सातवें और अंत‍िम चरण में मतदान हो रहा है. 10 मार्च को लोकसभा चुनाव 2019 की घोषणा होने के बाद देश, चुनावी माहौल में आ गया था. 22 अप्रैल को इस सीट के ल‍िए नोट‍िफ‍िकेशन न‍िकला, 29 अप्रैल को नॉम‍िनेशन की अंत‍िम तारीख, 30 अप्रैल को स्क्रूटनी और 2 मई को नाम वाप‍िसी की अंत‍िम तारीख थी. आज 19 मई को मतदान के ल‍िए सभी दलों ने अपनी ताकत झोंक दी है. लोकसभा चुनाव 2019 के सातवें चरण में 8 राज्यों की 59 लोकसभा सीटों पर मतदान हो रहा है.

वाराणसी लोकसभा सीट देश की सबसे बड़ी हाई-प्रोफाइल संसदीय सीट मानी जाती है क्योंकि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. इस सीट की महत्ता 2014 में उस समय बढ़ गई थी जब नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि वह अपने जीवन का पहला लोकसभा चुनाव वाराणसी से लड़ेंगे. 5 साल बाद नरेंद्र मोदी एक बार फिर इसी सीट से चुनावी ताल ठोंकने जा रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी को अपना संसदीय क्षेत्र के रूप में चुने जाने से इस सीट का राजनीतिक महत्व बढ़ गया है, हालांकि इसके संसदीय इतिहास की बात करें तो नरेंद्र मोदी के आने से पहले वाराणसी से 2009 का चुनाव बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी ने लड़ा था और विजयी रहे थे. 2014 में भी जोशी यहीं से लड़ना चाहते थे, लेकिन मोदी की वजह से उन्हें यह सीट छोड़नी पड़ गई थी.

इस सीट का प्रोफाइल जानने के ल‍िए क्ल‍िक करें- वाराणसीः क्या 5 साल बाद सबसे बड़े हाई-प्रोफाइल सीट पर भी होगी 'मोदी लहर'

सामाजिक ताना-बाना

2011 की जनगणना के मुताबिक 36.8 लाख है जिसमें 19.2 लाख (52%) पुरुष और 17.5 लाख (48%) महिलाओं की आबादी शामिल है. इनमें से 86% आबादी सामान्य वर्ग की है, जबकि 13% आबादी अनुसूचित जाति की है और महज 1% आबादी अनुसूचित जनजाति की है. इसमें 57% यानी 20.8 लाख आबादी ग्रामीण इलाकों में और 43% यानी 16 लाख आबादी शहरी इलाकों में रहती है.

धर्म के आधार पर वाराणसी में 85 फीसदी आबादी हिंदुओं की है जबकि 15 फीसदी मुस्लिम समाज के लोग रहते हैं. यहां के लिंगानुपात का अनुपात देखा जाए तो प्रति हजार पुरुषों पर 913 हिंदू और 915 मुसलमान महिलाएं रहती हैं. वाराणसी का साक्षरता दर 76% है जिसमें 84 फीसदी पुरुषों की आबादी तो 67% महिलाओं की आबादी साक्षर है.

वाराणसी लोकसभा क्षेत्र के तहत 5 विधानसभा क्षेत्र (रोहणिया, वाराणसी उत्तरी, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी छावनी और सेवापुरी) आते हैं और इनमें से एक भी सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित नहीं है. रोहनिया विधानसभा सीट पर 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सुरेंद्र नारायण सिंह ने बाजी मारी थी और उन्होंने इस चुनाव में समाजवादी पार्टी के महेंद्र सिंह पटेल को 57,553 मतों के अंतर से हराया था.

2014 का जनादेश

2014 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय क्षेत्र में 17,67,486 मतदाता शामिल थे जिसमें पुरुष मतदाताओं की संख्या 9,86,224 थी जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 7,81,262 थी. यहां पर पिछले लोकसभा चुनाव में 10,30,685 मतदाताओं यानी 58.3% लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इसमें 10,28,634 (58.2%) वोट वैध पाए गए.

चुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच था. हालांकि इस मुकाबले में मैदान में 42 प्रत्याशियों ने अपनी चुनौती पेश की थी. इसमें 20 उम्मीदवार बतौर निर्दलीय मैदान में थे. नरेंद्र मोदी ने आसान मुकाबले में केजरीवाल को 3,71,784 मतों के अंतर से हराया था. मोदी को कुल पड़े वोटों में 581,022 यानी 56.4% वोट हासिल हुए जबकि आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी अरविंद केजरीवाल के खाते में 2,09,238 (20.3%) वोट पड़े. तीसरे नंबर पर कांग्रेस के उम्मीदवार अजय राय रहे जिनके खाते में महज 75,614 वोट ही पड़े.
 

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