अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने 27 मई को सामाजिक सुरक्षा देने के मुद्दे पर देशव्यापी प्रदर्शन का किया एलान

रायपुर
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति से जुड़े देश के 300 से अधिक संगठनों ने 27 मई को गांव, गरीबों, किसानों और प्रवासी मजदूरों को राहत और सामाजिक सुरक्षा देने के मुद्दे पर  देशव्यापी प्रदर्शन का एलान किया है. इस मुद्दे पर छत्तीसगढ़ में भी किसानों और दलित आदिवासियों से जुड़े 25 से ज्यादा संगठन एकजुट होकर आंदोलित है. इसमें छत्तीसगढ़ किसान सभा, आदिवासी एकता महासभा, किसानी प्रतिष्ठा मंच, भारत जन आंदोलन, छग प्रगतिशील किसान संगठन, राजनांदगांव जिला किसान संघ, क्रांतिकारी किसान सभा शामिल हैं.

वहीं छत्तीसगढ़ बचाओ आंदोलन, छमुमो मजदूर कार्यकर्ता समिति, हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति, छग आदिवासी कल्याण संस्थान, छग किसान-मजदूर महासंघ, किसान संघर्ष समिति कुरूद, दलित-आदिवासी मंच, छग किसान महासभा, छग आदिवासी महासभा, छग प्रदेश किसान सभा, किसान जन जागरण मंच, किसान-मजदूर संघर्ष समिति, किसान संघ कांकेर, जनजाति अधिकार मंच, आंचलिक किसान संगठन, जन मुक्ति मोर्चा और छत्तीसगढ़ कृषक खंड का भी साथ मिलेगा.

इन संगठनों ने ग्रामीणों से अपील की है कि केंद्र सरकार की कृषि और किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ अपनी बुलंद करें और फिजिकल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए अपने-अपने घरों, खेतों या मनरेगा स्थलों से या गांव की गलियों में कतार बनाकर अपने संगठन के झंडे-बैनरों के साथ अपनी मांगों के पोस्टर लहराए और आधे घंटे नारेबाजी करें. ग्रामीणों को अपनी सुविधानुसार विरोध प्रदर्शन का समय तय करने के लिए कहा गया है.

आयोजकों के अनुसार इन सभी संगठनों के साथ आने से प्रदेश के 15 से ज्यादा जिलों में ये विरोध प्रदर्शन आयोजित होंगे. किसानों के इस देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों को ट्रेड यूनियन संगठन सीटू ने भी समर्थन देने और एकजुटता कार्यघोषणा की है. छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन के संयोजक राज कुमार गुप्ता बताते है कि यह प्रदर्शन राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ भी होगा क्योंकि यहां पर जो राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत हुई है उसमें कई किसानों को शामिल ही नहीं किया गया है. वैसे ही सब्जी और फल उत्पादक किसानों को इस योजना में शामिल नहीं किया गया है. तो हमारी सरकार से प्रदर्शन के माध्यम से मांग रहेगी कि सभी प्रकार के किसानों को इस योजना का लाभ मिलना चाहिए.

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