वायु सेना ने शुरू की ‘गोल्डन ऐरो’ स्क्वॉड्रन, अगले महीने मिलेगा पहला राफेल

 
नई दिल्ली

भारतीय वायु सेना ने मंगलवार को अपनी 17 'गोल्डन ऐरोस' स्क्वॉड्रन को अंबाला में शुरू कर दिया है। यह कदम ऐसे मौके पर उठाया गया है, जब अगले महीने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में फ्रांस में राफेल फाइटर जेट अधिकारिक तौर पर भारत को सौंपा जाएगा। पहले 16 राफेल को इसी 17 स्क्वॉड्रन में शामिल किया जाएगा। 1999 करगिल युद्ध के दौरान हीरो बनकर उभरी इस स्क्वॉड्रन को एयर चीफ मार्शल बीएस धनोआ ने कमांड किया था।

भारत को मिलने वाले 36 विमानों की डील में से पहले चार वास्तव में अंबाला में अगले साल मई में सौंपे जाएंगे। यह डील सितंबर 2016 में 59 हजार करोड़ में हुई थी। इससे पहले करीब 10 पायलट की इंडक्शन टीम को इसकी ट्रेनिंग दी जाएगी। पायलट के साथ 10 फ्लाइट इंजिनियर और 40 टेक्निशन्स को भी फ्रांस में ट्रेनिंग दी जाएगी।
 
10 पायलट को मिलेगी ट्रेनिंग
एक अधिकारी ने बताया, 'पहला राफेल इसी महीने दिया जाने वाला था, लेकिन अब इसकी तारीख को 8 अक्टूबर कर दिया गया है। इस दिन ही वायुसेना दिवस के साथ ही दशहरा भी पड़ रहा है। फ्रांस में होने वाले कार्यक्रम में दोनों देशों के रक्षा मंत्री और रक्षा विभाग के शीर्ष अधिकारी शामिल रहेंगे।' अप्रैल 2022 में डिलिवर होने वाले अगले 16 जेट्स को पश्चिम बंगाल के हासिमारा में रखा जाएगा।
 
34 हजार करोड़ रुपये का हो चुका है भुगतान
राफेल फाइटर हवाई क्षेत्र में गेमचेंजर साबित होगा। यह पाकिस्तान और चीन की तरफ से होने वाले हवाई हमलों को काउंटर कर सकता है। सॉफ्टवेयर प्रामाणिकता की वजह से सभी 36 जेट्स अक्टूबर 2022 तक ही भारतीय बेड़े में शामिल हो पाएंगे। भारत इसके लिए अभी तक 2016 कॉन्ट्रैक्ट के तहत 34 हजार करोड़ रुपये का भुगतान कर चुका है।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *