वर्चुअल लैब का नोडल सेंटर बनेगा आरजीपीवी : कुलपति गुप्ता 

भोपाल 
राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मे तकनीकी शिक्षा  गुणवत्ता सुधार पर वर्चुअल लैब विषय पर बुधवर को कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें आईआईटी भिलाई के प्रो. प्रशांत अग्निहोत्री, कुलपति प्रो.सुनील कुमार गुप्ता और समन्वयक प्रो. एससी चौबे सहित आरजीपीवी और कालेज प्रोफेसर मौजूद थे।  
कुलपति प्रो. गुप्ता ने कहाकि विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र मे प्रायोगिक कार्य एवं अनुसंधान को दक्षता पूर्वक करने एवं कम लागत मे परिणामकारी प्रायोगिक कार्य करने के लिए वर्चुअल लैब की अवधारणा प्रासंगिक हो रही है। यह प्रायोगिक कार्यों मे प्रयोगधर्मिता को बढाने का सशक्त माध्यम बन रही है।

 हमारा यह प्रयास रहेगा कि आगामी समय मे आरजीपीवी वर्चुअल लैब का नोडल सेंटर बने। वर्चुअल लैब की जानकारी देते हुए आईआईटी भिलाई के प्रो. अग्निहोत्री ने कहाकि वर्तमान समय मे शिक्षा संस्थानों मे प्रायोगिक कार्य हेतु भवन एवं उपकरण तथा मानव सहयोग से प्रयोगशालाओ का संचालन हो रहा है। इसमें लागत और समय दोनों अधिकता में हैं, किन्तु अब तकनीकी का उपयोग करते हुए वर्चुअल लैब स्थापित हो रही है। 

विज्ञान और इंजीनियरिंग के विभिन्न विषयों मे वर्चुअल लैब की  स्थापना से दूरस्थ होकर भी  विभिन्न विषयों पर शोध एवं प्रायोगिक  कार्य किया जाना संभव है। इसके माध्यम से बुनयादी और उन्नत अवधारणाओं को सीखने मे मदद मिलती है। इसके लिए प्राध्यपक या विद्यार्थी के पास केवल कंप्यूटर,लैपटॉप एवं इन्टरनेट का कनेक्शन होना पर्याप्त है। वर्चुअल लैब लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम प्रदन करती है। जहां विद्यार्थी एवं शिक्षक अतिरिक्त वेब संसाधन,विडियो व्याख्यान, एनिमेटेड प्रदर्शन और आत्म मूल्यांकन के द्वारा विभिन्न उपकरणों का लाभ उठा सकते हैं।

वर्तमान समय मे कंप्यूट विज्ञान और इंजीनियरिंग  इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार,लेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग,  ,रासायनिक अभियांत्रिकी,बायोटेक्नोलॉजी और बायोमेडिकल इंजीनियरिंग,सिविल इंजीनियरिंग,शारीरिक विज्ञान एवं  रासायनिक विज्ञान जैसे विषयों मे प्रायोगिक एवं शोध कार्य करने के लिए वर्चुअल लैब प्रभावी सिद्ध हो रही है 

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